Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
Noida News : नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां नोएडा फेज 1 कोतवाली पुलिस ने एक अनोखी कार्रवाई में 14 दुर्लभ कछुओं के साथ दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों तस्कर महिलाएं मथुरा की रहने वाली हैं, जिन्होंने यमुना नदी से कछुओं को पकड़कर तस्करी के लिए नोएडा का रास्ता पकड़ा था। आश्चर्य की बात यह है कि पकड़े गए कछुए का मांस फाइव स्टार होटलों में परोसे जाने वाले सूप के लिए इस्तेमाल होता है। यह सिर्फ सूप बनाने तक ही सीमित नहीं, बल्कि इनके ऊपरी खोल से दवाइयां भी बनाई जाती हैं। बड़ा खुलासा यह है कि दिल्ली-एनसीआर के पांच सितारा होटलों में कछुओं का सूप और मांस परोसा जा रहा है।
फाइव स्टार होटलों के खास मेन्यू का हिस्सा
सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए कछुओं की दुर्लभ प्रजाति का मांस बड़े फाइव स्टार होटलों के मेन्यू का हिस्सा बनता है। कछुओं का सूप एक महंगा और खास डिश माना जाता है, जिसे अमीर वर्ग बड़े चाव से खाता है। वन विभाग के अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि ये कछुए संरक्षित प्रजातियों के हैं और उनकी तस्करी एक गंभीर अपराध है।
पश्चिम बंगाल तक फैला तस्करी का जाल
इस कछुआ तस्करी का जाल सिर्फ नोएडा या मथुरा तक ही सीमित नहीं है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश से कछुए तस्करी कर पश्चिम बंगाल तक पहुंचाए जाते हैं। जहां इन्हें महंगे दामों में बेचा जाता है। पश्चिम बंगाल में कछुए का मांस खाने का शौक आम है और वहां इसके लिए ऊंची कीमतें चुकाई जाती हैं।
कछुओं को थी पश्चिम बंगाल भेजने की योजना
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार महिलाओं ने माना कि वे कछुओं को पश्चिम बंगाल भेजने की योजना बना रही थीं। जहां उन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता। पकड़ी गई महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और पुलिस तस्करी के इस गिरोह की गहराई से जांच कर रही है।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश
यह मामला न केवल तस्करी के बड़े रैकेट की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह संरक्षित वन्यजीवों को अवैध रूप से पकड़कर उनकी तस्करी की जा रही है। वन विभाग और पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। कछुओं की दुर्लभ प्रजातियों की इस तरह की तस्करी से वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है।