Saturday, October 19, 2024
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दिसंबर में शुरू होगी दिल्ली की तीसरी रिंग रोड : 3600 करोड़ की लागत, जानिए नोएडा-NCR को कैसे होगा फायदा 

Google Photo | Symbolic




Delhi News : इस साल दिसंबर तक दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अर्बन एक्सटेंशन रोड  (UER-2) पूरा हो जाएगा। डीडीए द्वारा 3600 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किए जा रहे इस प्रोजेक्ट का उद्​देश्य दिल्ली में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के साथ लोगों को जाम से निजात दिलाना है। UER-2 की कुल लंबाई 75.71 किलोमीटर है। इसमें से 54.21 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली और 21.50 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है।

बेहतर मिलेगी कनेक्टिविटी 

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस प्रोजेक्ट को दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर तैयार कर रही है। UER-2 प्रोजेक्ट के जरिये राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे) को दक्षिण दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से बवाना, नरेला-कंझावला, मुंडका और द्वारका सहित दिल्ली के कई इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

60 दिन में पूरा हो जाएगा प्रोजेक्ट 

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने UER-2 प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर इसकी प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उनके साथ चीफ सेक्रेटरी, डीडीए, एनएचएआई, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, आई एंड एफसी और दिल्ली कैंट बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद रहे। एलजी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में एक साथ कई एजेंसियां कार्य कर रही हैं, ऐसे में प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए बेहतर सामंजस्य स्थापित किया जाना चाहिए।

UER-2 में हैं 27 फ्लाईओवर, दो आरओबी और 11 अंडरपास 

UER-2 को अन्य सड़कें से जोड़ने की व्यवस्था की गई है, जिससे इस सड़क को राजधानी के दूसरे हिस्सों से जोड़ने में भी मदद मिलेगी। सभी सड़कें छह लेन की होंगी। इसके दोनों तरफ तीन-तीन लेन का सर्विस रोड भी है। UER-2 प्रोजेक्ट में 27 फ्लाईओवर, दो आरओबी, 11 अंडरपास, 1 बड़ा ब्रिज, 26 छोटे ब्रिज, 17 सबवे, 31 बस बाय और 111 किलोमीटर की सर्विस रोड बनाई जा रही है।

5 पैकेज में पूरा हो रहा प्रोजेक्ट 

डीडीए का प्रोजेक्ट UER-2 दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के रूप में बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पांच पैकेज में पूरा किया जा रहा है। इनमें 1 से 3 पैकेज दिल्ली में, 4 और 5 पैकेज हरियाणा में हैं। UER-2 के चालू होने के बाद आउटर और इनर रिंग रोड पर वाहनों की दबाव कम होगा इसके साथ ही आउटर दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ-वेस्ट दिल्ली की कनेक्टिविटी भी काफी बेहतर हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट से सोनीपत और गुरुग्राम के बीच आने-जाने वाले लोगों की राह आसान होगी।

ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की कनेक्टविटी होगी बेहतर 

UER-2 प्रोजेक्ट के जरिये एनएच-44 (दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे) को एनएच-48 को साउथ दिल्ली से सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। बवाना, नरेला-कंझावला, मुंडका और द्वारका आदि से भी UER-2 जुड़े रहा है। नॉर्थ वेस्ट में यह सोनीपत, जींद और नजफगढ़ से आगे बहादुरगढ़ को जोड़ेगा। गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे से भी भी UER-2 जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट से ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।

दिल्ली के हिस्से का काम लगभग पूरा 

एलजी के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि UER-2 प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 75.71 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट का 54.21 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है, जिसे तीन पैकेज में बनाया जा रहा है। पहला पैकेज एनएच-1 दिल्ली-पानीपत हाईवे इंटरसेक्शन से कराला-कंझावला रोड तक (15.70 किलोमीटर) लंबा है, जिसका 99 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दूसरा पैकेज कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड (13.45 किलोमीटर) है, जिसका 83.70 फीसदी काम हो चुका है। तीसरा पैकेज नांगलोई-नजफगढ़ रोड से द्वारका सेक्टर-24 (9.66 किलोमीटर) का है, जिसका काम पूरा हो चुका है। 21.50 किलोमीटर हरियाणा के हिस्से में है। यूईआर-2 अलीपुर के पास दिल्ली-पानीपत से शुरू होगा।

ये हैं प्रोजेक्ट के पैकेज

  1. पैकेज-1 – 15.70 किलोमीटर – एनएच-1 इंटरसेक्शन से कराला-कंझावला रोड
  2. पैकेज-2 – 13.45 किलोमीटर – कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड
  3. पैकेज-3 – 9.661 किलोमीटर – नांगलोई-नजफगढ़ रोड़ से द्वारका सेक्टर-24
  4. पैकेज-4 – 29.6 किलोमीटर – बवाना इंडस्ट्रियल एरिया से बरवासनी बाईपास (सोनीपत)
  5. पैकेज-5 – 7.269 किलोमीटर – ढिचाऊ कलां से बहादुरगढ़ बाईपास

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