Saturday, October 19, 2024
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Noida Metro : सेक्टर-51 और 52 मेट्रो स्टेशनों को जोड़ने के लिए बन रहे पहले स्काईवॉक का कार्य हुआ बंद, जानिए क्या है कारण…

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो




Noida News : नोएडा में सेक्टर-51 और 52 मेट्रो स्टेशनों को जोड़ने के लिए बन रहे पहले स्काईवॉक का कार्य फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार अतिरिक्त लागत और समय की कमी इसकी वजह है। अभी तक इस परियोजना का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। तीन साल पहले नोएडा प्राधिकरण ने इस स्काईवॉक का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया था और पिछले साल इसका कार्य शुरू हुआ था। हाल ही में निर्माण एजेंसी इकबाल कंस्ट्रक्शन ने लागत बढ़ाने और दो महीने का अतिरिक्त समय मांगा। जिसे प्राधिकरण की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। इसी कारण निर्माण कार्य फिलहाल रुक गया है।

अब लागत बढ़कर 14 करोड़ रुपये होने की संभावना

इस निर्माणाधीन स्काईवॉक की लंबाई पहले 425 मीटर निर्धारित की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 465 मीटर करने का निर्णय लिया गया है। इसका कारण यह है कि पहले इसे सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के लेफ्ट साइड में जोड़ा जाना था, लेकिन डिजाइन में बदलाव के बाद अब इसे राइट साइड में जोड़ने का निर्णय लिया गया। राइट साइड में जोड़ने से पहले से मौजूद बिजली और सीवर की लाइनों को शिफ्ट करना पड़ेगा। जिससे निर्माण की लागत और समय दोनों में इजाफा होगा। पहले इस प्रोजेक्ट की लागत 9 करोड़ 1 लाख रुपये थी, जो अब बढ़कर 14 करोड़ रुपये होने की संभावना है।

डेडलाइन दिसंबर 2024 अंत तक बढ़ाने की मांग 

इस स्काईवॉक के निर्माण में सिविल के अलावा बिजली विभाग द्वारा ट्रेवलट लगाने का काम भी चल रहा है। वर्तमान में 10 में से 6 ट्रेवलट लग चुके हैं। इस परियोजना की डेडलाइन पहले सितंबर 2024 थी, लेकिन निर्माण एजेंसी ने इसे दिसंबर अंत तक बढ़ाने की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि यदि काम शुरू होता है, तो इसे पूरा होने में तीन से चार महीने लगेंगे। जनवरी 2023 में शुरू हुए इस काम का अनुबंध अक्तूबर 2023 तक पूरा होना था, लेकिन विभिन्न कारणों से काम की गति धीमी रही है।

कार्य को फिर से शुरू किया जाएगा

नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) के अधिकारियों के अनुसार दोनों स्टेशनों के बीच लोगों की सुविधा के लिए मुफ्त ई-रिक्शे चलाए जा रहे हैं, लेकिन ये मौके पर कम ही नजर आते हैं। इससे यात्रियों को मजबूरन पैदल आना-जाना पड़ता है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अतिरिक्त लागत और समय की मंजूरी देकर कार्य को फिर से शुरू किया जाएगा। 

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