आकाश शुक्ला, रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट में 20 सितंबर को कई फैसले लिए गए. कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में हुई. इस बैठक में प्रदेश के समूचित विकास, अतिक्रमण रोकने, अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने, शहरी आबादी को अभाव और असुविधाओं से बचाने के लिए शहरी विकास नीति पर मुहर लगाई गई. इसके साथ ही कैबिनेट में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन को मंजूरी दी गई. इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा विस्तृत किया गया है. इनमें अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रियों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को भी सदस्य बनाया गया है. पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव, सचिव, आदिम जाति-अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. बाकी सभी सदस्य यथावत रहेंगे.
सीएम स्वेच्छानुदान से इतनी राशि का अनुमोदन
कैबिनेट में मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्तियों और संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रुपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया. शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद ने एक बड़ा निर्णय लिया गया. इसके तहत भूखंडों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया. इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने के लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 18:29 IST