ग्वालियर में पानी में फंसे जीजा-साले का रेस्क्यू किया गया।
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ग्वालियर में लगातार हो रही वर्षा से नदी-नाले उफान पर हैं, इनके चलते आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जब तर्पण करने पहुंचे जीजा-साले अचानक नदी का बहाव तेज होने पर पानी के बीच में फंस गए।
पानी मे फंसे जीजा-साले ने अपनी जान की दुहाई देते हुए मदद के लिए आसपास के लोगों को आवाज लगाई। लेकिन वहां आस-पास भी मौजूद कोई नहीं था। पानी का बहाव लगातार बढ़ता जा रहा था और मौत का खौफ इन दोनों की आंखों में साफ दिख रहा था। तेज बहाव के बीच यह दोनों दो घंटे तक एक पेड़ को पकड़े डटे रहे और मदद के लिए भगवान से प्रार्थना करते रहे। इसी बीच यहां से गश्त करते निकल रहे पुलिस कर्मियों की नजर उन पर पड़ गई तो उन्होंने तत्काल मामले की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी सहित अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई।
लगातार हो रही बारिश के बीच इस समय तिघरा बांध के गेट बार-बार खोले जा रहे हैं। यहां से छोड़े जा रहे पानी के कारण तिघरा थानेदार बल के साथ इलाके में गश्त कर रहे थे। वह गश्त करते हुए नदी के किनारे जा रहे थे कि तभी उनकी नजर एक कार पर पड़ी जो पानी के बहाव के करीब थी और कभी भी पानी के बहाव में आकर बह सकती थी। कार देखकर उनका माथा ठनका और आस-पास सर्चिग शुरू की। तलाश में प्रधान आरक्षक गजेन्द्र सिंह, आरक्षक आशुतोष पाराशर, रवि सिंह गुर्जर, दीवान सिंह, सुनील कुशवाह और वनकर्मी शिवा यादव को लगाया गया।
बताया गया कि दरोगा और उनकी टीम जब जनरल सर्चिग करते हुए थोड़ी आगे की तरफ बढ़ी तो पानी के तेज बहाव के दूसरी तरफ दो लोग पानी में फंसे और एक पेड़ से लटके हुए नजर आए। इन लोगों की जान खतरे में देखकर एसडीआरएफ की टीम को बुलाया और वे सब पुलिस जवानों के साथ बचाव में जुट गए। पानी का बहाव काफी तेज होने के कारण उन तक मदद पहुंचाने के काफी कठिनाई आ रही थी। वहां तक पुलिस ने केबल की व्यवस्था की और फिर दो पुलिस जवानों को जान जोखिम में डालते हुए दूसरी तरफ पहुंचाया। उन लोगों ने वहां पहुंचकर एक-एक कर दोनों युवकों को बाहर निकाला। बाहर आते ही दोनों युवक जमीन पर गिर गए। थोड़ी देर बाद जब उनकी जान में जान आई तो उनके चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई। जान बचने के कारण उनकी आंखों से आंसू आ गए।
बताया गया कि पुलिस को युवकों ने अपने नाम संजीव शिंदे पुत्र किशनराव शिन्दे निवासी नेहरू पेट्रोल पंप के पास तथा अमित पटनायक पुत्र चंद्रकांत पटनायक बताए। उन्होंने कहा कि वे लोग आपस में जीजा-साले हैं। वह यहां पर अपने पूर्वजों का तर्पण करने के लिए आए थे। तर्पण करते समय अचानक वहां तेज पानी आ गया और वे लोग वहीं फंस कर रह गए। दो घंटे के करीब वह पेड़ पर लटके रहे और मदद के लिए आवाज लगाते रहे। लेकिन जब कोई नजर नहीं आया तो उन्होंने जिंदगी की आस ही खो दी थी, लेकिन अचानक समय रहते पुलिस के आने से उनकी जान बच गई, अगर समय पर पुलिस नहीं आती तो उनकी जान चली जाती। एक तरह से उनका यह नया जीवन है।
एसपी राकेश कुमार सागर ने साहस और धैर्य के साथ दो युवकों की जान बचाने वाले प्रत्येक जवान को पांच-पांच सौ रुपए और थाना प्रभारी को एक हजार का इनाम देने का एलान किया।