दमोह के छोटे से गांव की छात्राएं क्रिकेट में जौहर दिखा रही हैं।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
दमोह जिले के हटा ब्लॉक के शासकीय मिडिल स्कूल सनकुईया में छात्राएं पढ़ाई के साथ क्रिकेट में भी माहिर हो रही हैं। लंच टाइम में यह छात्राएं पूरी किट पहनकर मैदान में चौकों-छक्कों की बरसात करती हैं। यह अनोखा प्रयास यहां के शिक्षकों द्वारा किया गया है। इस बात की जानकारी दमोह कलेक्टर को लगी तो उन्होंने छात्राओं से मुलाकात कर शुभकामनाएं दी और कोच उपलब्ध कराने की बात कही।
प्रतिदिन होने वाले लंच टाइम में सरकारी स्कूलों की छात्राएं सामान्यतः रस्सी कूद एवं टीपू लंगड़ी खेलकर अपना समय बिता लेतीं हैं, लेकिन हटा ब्लॉक के कांटी संकुल के सनकुईया मिडिल स्कूल की छात्राएं अन्य स्कूल से अलग है। यहां की छात्राएं पूरे उत्साह के साथ टूनमिंट की टीम जैसा क्रिकेट खेलती हैं। खास बात यह है कि छात्राएं पूरी किट में क्रिकेट खेलती हैं।
यहां पदस्थ शिक्षक भी अपने मोबाइल में व्यस्त ना होकर इनका उत्साह वर्धन कुछ इस तरह करते हैं कि इन्हें विषयवार अच्छी शिक्षा के साथ साथ क्रिकेट खेलने के लिए बैट, बॉल सहित सभी के लिए एक सी ड्रेस, बेस्ट मैन के लिए पैड, ग्लब्ज, हेलमेट व अन्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। परिणाम यह हुआ कि सामान्यतः इस खेल में लड़कों से पीछे रहने वाली लड़कियां अब उनसे भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं। यहां पदस्थ शिक्षक मनोज नामदेव, मुकेश रैकवार एवं कमलेश ताम्रकार स्कूल के सामने मैदान पर इन छात्राओं को क्रिकेट खेलने के लिए उत्साहित करते हैं।
छात्रा अंजना कुर्मी ने बताया कि स्कूल के अलावा यहां कोई बड़ा मैदान नहीं है ना ही कोई क्रिकेट सिखाने वाला है, लेकिन हम लोग स्कूल की पढ़ाई के बाद बचे समय में स्कूल में ही क्रिकेट खेलते हैं। खुशी कुर्मी, मालती कुर्मी, नेहा कुर्मी ने बताया कि कक्षा आठवीं के बाद हम लोगों को अन्य स्कूल में पढ़ाई करने जाना पड़ेगा, लेकिन वहां खेल की ऐसी सुविधा नहीं मिलेगी। शिक्षक मनोज नामदेव ने बताया कि स्कूल में खेल सामग्री खरीदने जितनी भी राशि मिलती है उससे ज्यादा राशि बच्चों के लिए खर्च करते हैं ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ खेल में अपना हुनर दिखा सकें।
कलेक्टर ने की मुलाकात
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को इन छात्रों के बारे में जानकारी लगी तो उन्हें मिलने के लिए दमोह बुलाया। मुलाकात कर छात्राओं का हौसला बढ़ाया और कहा सनकुईया गांव की छात्राएं जो छठवीं, सातवीं, आठवीं में पढ़ती हैं और वह बहुत अच्छा क्रिकेट खेलती हैं।
अभी खेल विभाग वालों से चर्चा की है। मैं चाहता हूं कि इन छात्राओं को क्रिकेट की जो तकनीकी बारीकियां होती हैं, उसकी ट्रेनिंग दें, ताकि इनमें से कुछ छात्राएं हो सकता है जिला स्तर पर, संभाग स्तर पर या प्रदेश स्तर पर क्रिकेट में आगे निकल जाएं। हमारा प्रयास यह भी रहेगा कि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी आगे निकलें।