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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई नगर के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक बार फिर कोर्ट से कांग्रेस विधायक को झटका लगा है। देवेंद्र यादव की जमानत याचिका को कोर्ट ने एक बार फिर ख़ारिज कर दी है। 17 अगस्त 2024 शाम विधायक देवेंद्र को गिरफ्तार कर रायपुर के सेंट्रल जेल भेजा गया था, जिसके बाद से अब तक राहत नहीं मिली। इस बीच कांग्रेस ने झूठे आरोप लगाकर फसाने का आरोप लगते हुए राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
बुधवार को विधायक यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई थी। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार वर्मा की अदालत ने बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए याचिका खारिज की है। इससे पहले 17 सितंबर को रिमांड खत्म होने पर सीजेएम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट ने 30 सितंबर तक देवेंद्र यादव की रिमांड बढ़ाई है। अब 30 सितंबर तक विधायक जेल में ही रहेंगे।
जीतू पटवारी देवेंद्र से मिलने पहुंचे
वहीं मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी 18 सितंबर को छत्तीसगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस विधायक से मुलाकात की। इसके बाद वे कांग्रेस के सीनियर नेताओं से मिले और कई विषयों में चर्चा हुई। सेंट्रल जेल के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बाजार हिंसा में अपनी नाकामी छिपाने भाजपा सरकार द्वारा षड्यंत्रपूर्वक गिरफ्तार कर कांग्रेस के विधायक, कार्यकर्ताओं और सतनामी समाज के निर्दोषजनों को जेल में रखा हुआ है। इससे पहले 23 अगस्त को छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट रायपुर सेंट्रल जेल में विधायक देवेंद्र यादव से मिलने पहुंचे थे।
पांच बार बढ़ी रिमांड
अब तक कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की पांच बार न्यायिक रिमांड बढ़ाई जा चुकी है। 17 अगस्त की शाम विधायक देवेंद्र को गिरफ्तार कर रायपुर के सेंट्रल जेल भेजा गया था, जिसके बाद पहली बार 20 अगस्त मंगलवार को उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद सात दिन की रिमांड बढ़ा दी गई थी। तब से कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका ख़ारिज हो रही है और रिमांड बढ़ाई जा रही है।
सीनियर नेता पहुंचे थे मिलने
जिस दिन गिरफ्तारी हुई उसके एक दिन बाद गिरफ्तार भिलाई विधायक देवेंद्र से रायपुर सेंट्रल जेल में मिलने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, विधयाक उमेश पटेल, रविंद्र चौबे और लालजीत सिंह राठिया पहुंचे हुए थे। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव भी मिलने पहुंचे हुए थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली, जिससे वे मिल नहीं पाए थे।
जानें गिरफ्तारी के दिन क्या हुआ था
विधायक को देर रात रायपुर सेंट्रल जेल में दाखिल कराया गया था। इस दौरान उसके समर्थकों की भारी भीड़ केंद्रीय जेल परिसर के बाहर जमा हो गई थी। विधायक देवेंद्र यादव के जेल में दाखिल होने से पहले समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की थी। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस के साथ भीड़ गए, बहस हुई, जिसके वजह से पुलिस को बड़ी संख्या में बल तैनात करना पड़ा था। वहीं विधायक ने संविधान की किताब दिखाई थी। बात दें कि इससे पहले भिलाई में गिरफ्तारी के दौरान भी विधायक के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की थी। पुलिस से बहस भी हुई थी। गिरफ्तारी से पहले विधायक देवेंद्र यादव कार के ऊपर चढ़ गए थे। सीना ठोककर कहते हुए नजर आये थे कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने एक हाथ में सतनाम का झंडा लहराया, तो दूसरी हाथ में संविधान की किताब दिखाई थी।
जानें क्या है पूरा मामला
बीते दस जून को सतनामी समाज ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान बलौदाबाजार जिले के कलक्ट्रेट परिसर में आग लग गई और कलेक्टर और एसपी कार्यालय में रखे कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। इतना ही नहीं दोपहिया-चारपहिया वाहनों को भी आग के हवाले किया गया था। सतनामी समाज के इस प्रदर्शन में भिलाई कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल हुए थे। भाजपा सरकार ने विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया था, जिसके बाद बलौदाबाजार पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर थाना में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। दो-तीन बार नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने सीधा विधायक के भिलाई स्थित निवास पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार किया था।