इंदौर में संस्कृति, सभ्यता और परंपरा की झांकियों का महोत्सव मंगलवार रात 8 बजे पूरे उत्साह के साथ शुरू हुआ। भगवान गणेश की आरती के बाद झांकियों का कारवां चिकमंगलूर चौराहे से शुरू किया गया। सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर की झांकी निकली। सबसे आगे चल रही खजराना गणेश की झांकी सुबह 5 बजे अपने गंतव्य यानी भंडारी मिल चौराहे पर पहुंची। वहीं, इसी समय चिकमंगलूर चौराहे से राजकुमार मिल की झांकी रवाना हुई। झांकियों के साथ चल रहे अखाड़ों के कलाकार हैरतअंगेज करतब दिखाए। इस बीच रात 2.15 बजे राजवाड़ा के आसपास हल्की बारिश शुरू हो गई, लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ।
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कैलाश विजयवर्गीय ने गाए भजन
मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी झांकी में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भजन भी गाया। झांकियां और करतब देखने के लिए आज पूरा इंदौर रतजगा किया। जुलूस एमजी रोड, कृष्ण पुरा, राजबाड़ा होते हुए पश्चिम क्षेत्र के बाजार में पहुंचेगा। यहां से झांकियां पुनः अपने स्थानों पर लौट जाएंगी।
अनंत चतुर्दशी के चल समारोह को 101 साल पूरे
अनंत चतुर्दशी के इस चल समारोह के 100 साल पूरे हो चुके हैं। ये 101वां साल है। झांकियों को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। जुलूस की शुरुआत भंडारी ब्रिज (चिकमंगलूर चौराहा) के पास से हुई। सबसे आगे खजराना गणेश की झांकी है। झांकियों का रूट 6 किलोमीटर का है।
यह रहा खास
कुल 25 झांकियां हैं। सबसे आगे खजराना गणेश की झांकी है।
150 कैमरों से हर सड़क पर नजर रखी जा रही है।
7 बजे भंडारी ब्रिज चौराहा से जुलूस शुरू हुआ जो 6 किलोमीटर का सफर तय करेगा।
100 अखाड़े शामिल हुए हैं।
3 हजार पुलिस के जवान अधिकारी, BSF की 2 टुकड़ियां और 1 हजार से ज्यादा सुरक्षा कार्यकर्ता तैनात हैं।
18 वॉच टॉवर पूरे झांकी मार्ग पर लगे हैं। 11 प्रमुख झांकियों के साथ पुलिस की अलग-अलग टुकड़ी चल रही है।
5 ड्रोन पुलिस के पूरे झांकी मार्ग पर अलग-अलग रूट पर हैं, 4 स्थानों पर दमकल और एम्बुलेंस व्यवस्था है।
इस बार देरी से निकली झांकियां
इस बार झांकियां देरी से सड़कों पर नजर आई। मिलों से तो झांकियां उजाले में निकल कर डीआरपी मैदान तक आ गई थी, लेकिन चल समारोह रात आठ बजे बाद शुरू हुआ। रात साढ़े दस बजे तक खजराना गणेश की पहली झांकी यशवंत रोड़ चौराहा पर आई। उसके पीछे भजन मंडलियां और अखाड़े शामिल हुए।