Delhi News : यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन की सबसे सुविधाजनक और आरामदेय यात्रा का अनुभव कराने वाले दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन डीएमआरसी ने बुधवार को नया कीर्तिमान स्थापित किया है। फेज-4 के विस्तार के तहत तीन किलोमीटर लंबे ट्विन टनल की खुदाई का कार्य पूरा कर लिया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब ट्विन टनल की खुदाई एक साथ की गई है। इसके लिए दो मशीनों को एक साथ प्रयोग किया था।
पहली बार प्रयोग की गई एक साथ दो टीबीएम
यह पहली बार है जब समानांतर सुरंग खोदने के बाद एक साथ दो टनल बोरिंग मशीनें (टीबीएम) बाहर आई हैं। यह एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि है, क्योंकि इंजीनियरों को दो समानांतर मशीनों के कामकाज पर बारीकी से नज़र रखनी होती है। दोनों टीबीएम को बुधवार को पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस कार्य में मात्र 14 महीनों में ही प्रति टनल प्रति दिन औसतन 8.2 मीटर की गति से लगभग 2997 मीटर लंबाई में टनल खुदाई का कार्य किया गया।
3 किलोमीटर लंबी है टनल
डीएमआरसी के फेज-4 के निर्माण कार्य में यह सबसे लंबा सुरंग खंड लगभग 3 किलोमीटर का है। पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर दो टनल बोरिंग मशीनें (टीबीएम), ‘भूमि’ और ‘सृष्टि’, एक साथ बाहर निकाली गईं। जिससे जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम कॉरिडोर (मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन) पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली 3 किलोमीटर लंबी ट्विन टनल्स की खुदाई का काम पूरा हो गया।
घनी बस्ती के नीचे 15 मीटर गहराई में बनाई टनल
ये टनल जमीन से लगभग 14-15 मीटर की गहराई पर बनाई गई हैं। जो राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती कॉलोनी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेंगी। ये टनल नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेंगी, जो नाले की अनिश्चित संरचनात्मक स्थिति के कारण एक संवेदनशील खंड है। जलमग्न जैसी परिस्थितियों में टनल की खुदाई के बावजूद किसी भी मौजूदा स्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। टीबीएम के माध्यम से घंटा घर जैसे क्षेत्र में भी खुदाई करनी पड़ी, जहां उन्हें पूरा करना बेहद मुश्किल था।
करीब छह मीटर है टनल की चौड़ाई
दोनों टनल का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है और परिचालनिक संरक्षा की दृष्टि से दोनों टनल को जोड़ने के लिए कुल छह क्रॉस पैसेज का निर्माण किया गया है। इस सिविल पैकेज का कान्ट्रैक्टर मेसर्स एफकॉन्स है। टनल की खुदाई का कार्य पूरा किए जाने के दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार भी मौजूद रहे।
डीएमआरसी की दूसरी बड़ी सफलता
यह सफलता 21 अगस्त, 2024 के बाद एक और बड़ी उपलब्धि के बाद मिली है। इससे पहले डीएमआरसी ने दिल्ली एरोसिटी से तुगलकाबाद कॉरिडोर की छतरपुर मंदिर साइट पर टीबीएम का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया था। पुलबंगश में इनट्विन टनल्स की सफलता के साथ ही, डीएमआरसी ने सुरंग निर्माण में अपनी पिछली उपलब्धियों को और अधिक मजबूत किया है। इस कॉरीडोर पर 18 जून 2023 को ‘भूमि’ नामक टीबीएम उतारे जाने के साथ सुरंग निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। उसके बाद 19 अगस्त 2023 को ‘सृष्टि’को उतारा गया था।