केशव कुमार / महासमुंद: जिले से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमरदा ग्राम सुंदर पहाड़ियों के बीच दलदली क्षेत्र में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए उत्तम सड़क मार्ग उपलब्ध है, जो इस स्थल का एक प्रमुख आकर्षण है.
गौमुखी का पवित्र जल स्रोत
उमरदा ग्राम में गौमुखी से निकलने वाली जलधारा का प्रवाह गर्मी के दिनों में भी अविरल रहता है. यह जल इतना पवित्र माना जाता है कि भक्तजन इसका उपयोग शिवजी का अभिषेक करने के लिए करते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि गौमुखी का जल स्रोत पहाड़ियों के रास्ते से लगभग 8 से 10 किलोमीटर अंदर स्थित महादेव पत्थर, जिसे बाबा डेरा भी कहा जाता है, जो उनसे संबंधित है. इस क्षेत्र में बारहमासी नल का जल दलदली में आता है.
धार्मिक आयोजन और त्योहार
मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि पर यहां विशेष रुद्राभिषेक का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है, जिसमें भक्तजन बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. सावन मास में कांवरियों की भी यहां भीड़ रहती है. प्रतिवर्ष शिवजी के सम्मान और उनकी प्रसन्नता के लिए एक महायज्ञ भी आयोजित किया जाता है. छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले पुश पुन्नी और छेरछेरा त्योहार से लगभग 15 से 20 दिन पहले यह यज्ञ मंदिर में संपन्न होता है.
आसपास के तीर्थ स्थल
दलदली के आसपास दो प्रमुख तीर्थ स्थल स्थित हैं. पहला महादेव पत्थर बाबा डेरा है, जो दलदली से काफी निकट गौरखेड़ा ग्राम के पहाड़ी पर स्थित है. यहां प्राचीन शिवलिंग और रानी खोज बारहमासी नाला स्थित है. दूसरी ओर, दलदली से 5 किलोमीटर की दूरी पर मोहंदी ग्राम में एक प्राचीन और रहस्यमय गुफा है, जिसके अंदर माता चौपाई विराजमान हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 13:41 IST