जांजगीर चांपा: जिले में इस साल पहली बार गिरदावरी रिपोर्ट सैटेलाइट के माध्यम से तैयार की जाएगी, जिससे किसानों को फसल में नुकसान होने पर बीमा का पूरा लाभ मिलेगा. आमतौर पर, जिले में हर साल फसल लगाने के बाद गिरदावरी रिपोर्ट तैयार की जाती है, लेकिन इस वर्ष डिजिटल क्रॉप सर्वे के तहत सैटेलाइट तकनीक का उपयोग किया जाएगा. पहले चरण में जांजगीर तहसील के 29 गांवों का चयन किया गया है, जहां मोबाइल एप के माध्यम से डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा.
डिजिटल क्रॉप सर्वे का पायलट प्रोजेक्ट
जांजगीर तहसील के नायब तहसीलदार प्रशांत कुमार पटेल ने बताया कि गिरदावरी के अंतर्गत किसानों की ज़मीन और फसल का सर्वेक्षण किया जाता है. इस साल डिजिटल क्रॉप सर्वे लाया गया है, जिसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत जांजगीर चांपा जिले के जांजगीर तहसील में लागू किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 52 गांवों में से 29 गांवों का चयन कर जियो-रिफरेंसिंग किया गया है. चयनित गांवों के स्थानीय बेरोजगार युवाओं और किसानों को सर्वेयर के रूप में नियुक्त किया गया है.
सर्वेयर द्वारा डिजिटल सर्वेक्षण
सर्वेयर अपने मोबाइल फोन के साथ खेतों के पास जाकर जीपीएस ऑन करके खेतों की फोटो क्लिक करेंगे. इन फोटो को जीपीएस के साथ लॉक कर दिया जाएगा, जिससे सर्वेक्षण में पारदर्शिता आएगी. इस प्रणाली के कई फायदे होंगे, जैसे कि खेत में क्या स्थित है, घर, खेत, या तालाब इसकी जानकारी मिलेगी. साथ ही, वर्तमान में किस फसल की खेती की जा रही है, इसकी भी जानकारी उपलब्ध होगी.
Tags: Chhattisgarh news, Local18
FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 12:32 IST