लखेश्वर यादव/जांजगीर – चांपा: जांजगीर चांपा जिले के बहेराडीह ग्राम के युवा किसान दीनदयाल यादव ने आस्ट्रेलियाई केंचुआ पालन से उच्च स्तर के जैविक खाद तैयार कर रहे है और खाद बेच भी रहे है. यह किसान की खाद इतनी अच्छी रहती हैं कि दूसरे जिले से भी किसान यहां खाद लेने के लिए आते है, किसान दीनदयाल जैविक खाद, गोबर और पेड़ पौधे के पत्तो के अवशेष से बनाते है, जिससे किसान को लाखों की आय हो रही है. इसके साथ ही दीनदयाल यादव को ट्रेनिंग देने के लिए अन्य कई जगहों पर बुलाया जाता हैं.
किसान दीनदयाल ने लोकल 18 को बताया की जैविक खाद अमृत खाद है और मिट्टी को आज के समय में जैविक खाद की ही जरूरत है. क्योंकि जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरक बढ़ता है वहीं रसायन खाद के अंधाधुन उपयोग से धीरे – धीरे मिट्टी की उर्वरक को कम कर रही है. बताया की उनके द्वारा 2012 से बहेराडीह में जैविक खाद बनाया जा रहा हैं. उन्होंने बताया की जैविक खाद में किसी प्रकार का रिस्क नहीं है और न ही ज्यादा मेहनत लगता हैं, इसे सभी किसान बना सकते हैं.
जैविक खाद बनाकर दीनदयाल 1000 रूपए प्रति क्विंटल में बेचते है, और प्रतिवर्ष 3 – 4 लाख रुपए की जैविक खाद बेचकर अच्छा मुनाफा बनाते है. इसके साथ ही आस्ट्रेलियाई केंचुआ जिससे जैविक खाद बनता है उसका बीज दर 262 रुपए है, इसको छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सप्लाई कर चुके है. आस्ट्रेलिया केंचुआ बेचकर अतरिक्त आमदनी कमा रहे हैं.
जैविक खाद कैसे बनाते हैं
किसान दीनदयाल ने जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि जैविक खाद कृषि अवशेष, सूखी पत्तियां और गोबर जैसे पदार्थों से बनाई जाती है. इस प्रक्रिया में केंचुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिन्हें “मिट्टी का डॉक्टर” भी कहा जाता है. केंचुए वर्मी खाद को अच्छी तरह से तैयार करने में मदद करते हैं, क्योंकि उनके शरीर में लिसेसा नामक एंजाइम पाया जाता है, जो मिट्टी के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होता है.
पहले किसान कृषि अवशेष को घुरवा में डालकर एक साल तक रखने के बाद खेतों में खाद के रूप में प्रयोग करते थे. अब इसके स्थान पर वर्मी खाद या जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है. इस परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि वे जैविक खाद का उपयोग कर सकें और अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर सकें.
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 13:10 IST