Tikamgarh News: जानिए क्या है पूरा मामला।
– फोटो : अमर उजाला
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टीकमगढ़ जिले के नगारा और मिनोरा गांव में दूषित पानी पीने से पिछले महीने एक बच्चे की मौत हो गई थी और 800 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। स्वास्थ्य विभाग को हालात काबू में करने में एक महीने से अधिक का समय लग गया था। इसके बाद, टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश शर्मा ने पीएचई विभाग को ग्रामीण इलाकों में सोडियम हाइपोक्लोराइट की बोतलें बांटने, सार्वजनिक कुओं, पानी की टंकियों और हैंडपंपों में डालने के निर्देश दिए थे।
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लेकिन, विभाग के अधिकारियों ने इसमें भी कारनामा कर दिया। अधिकारियों ने 2021-22 में खरीदी गईं सोडियम हाइपोक्लोराइट की बोतलों का लेबल हटाकर कुछ ग्रामीण अंचलों में बांट दिया। इसके बाद 2023-24 की नई खरीदारी दिखाकर लाखों रुपये का घोटाला कर दिया। हैरानी की बात यह भी है कि जिन बोतलों का वितरण किया गया है वे एक्सपायर हो चुकी थीं।
जानकारी के अुनसार जिले के जतारा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले दरगाय कला और बल्देवगढ़ ब्लॉक के गांव बाबा खेरा में इन बोतलों का वितरण किया गया। ग्राम पंचायत पपावनी के सरपंच भगवानदास के अनुसार, पिछले महीने पीएचई विभाग के कर्मचारी सार्वजनिक कुओं में दवाई डालने आए थे। लेकिन, सोडियम हाइपोक्लोराइट की बोतलों पर लेबल नहीं था।
क्या होता है सोडियम हाइपोक्लोराइट?
सोडियम हाइपोक्लोराइट को भाषा में ब्लीच भी कहा जाता है। बरसात के मौसम में पानी में होने वाले बैक्टीरियाओं को नष्ट करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से पानी शुद्ध हो जाता है, जिससे डायरिया की संभावना खत्म हो जाती है।