Friday, March 14, 2025
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : सनशाइन ट्रेड टावर को राहत, 133.9 करोड़ के प्रोजेक्ट में मिली ‘शून्य अवधि’, नोएडा प्राधिकरण…

Google Images | इलाहाबाद हाईकोर्ट




Noida News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक अभूतपूर्व निर्णय में नोएडा प्राधिकरण को एक व्यावसायिक भूखंड के डेवलपर को ‘शून्य अवधि’ की छूट देने का निर्देश दिया है। यह निर्णय प्राधिकरण द्वारा लगभग एक दशक तक पहुंच मार्ग का निर्माण न करने के कारण लिया गया है।

क्या है मामला

न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने 19 जुलाई को दिए गए अपने आदेश में कहा कि यह स्पष्ट है कि इस मामले में सड़क पर अतिक्रमण था, जिसके कारण विकास कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा था। तदनुसार, याचिकाकर्ता का मामला नोएडा प्राधिकरण की ‘शून्य अवधि’ नीति के अंतर्गत आता है। हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय इस विशिष्ट मामले तक ही सीमित है और इसे सामान्य मिसाल नहीं माना जाना चाहिए।

10,201 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित

मामला 2011 का है, जब प्राधिकरण ने वाणिज्यिक भूखंड आवंटित करने की योजना शुरू की थी। डेवलपर सनशाइन ट्रेड टावर प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-94 में 133.9 करोड़ रुपये की कीमत पर 10,201 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया गया था। जनवरी 2012 में एक लीज डीड निष्पादित की गई थी, जिसमें उत्तर दिशा से 45 मीटर और पूर्व दिशा से 24 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना था। लेकिन डेवलपर के अनुसार, 45 मीटर की सड़क पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर लिया था, जबकि दूसरी सड़क पर रेत और गड्ढे भरे हुए थे।

24 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण

2013 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ओखला पक्षी अभयारण्य के 10 किलोमीटर के दायरे में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी, जो 2015 तक जारी रही। हालांकि प्राधिकरण ने एनजीटी प्रतिबंध के लिए राहत दी थी, लेकिन पहुंच मार्गों की कमी के कारण काम बाधित रहा। 2020 में 24 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण हुआ, लेकिन दूसरी सड़क पर काम अभी भी जारी था। इस बीच, प्राधिकरण ने बढ़ते बकाए के कारण 14 जून, 2022 को सनशाइन की लीज डीड रद्द कर दी।


आठ सप्ताह के भीतर भुगतान करनी होगी बकाया राशि

न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि नोएडा की देरी के लिए डेवलपर को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उसने कहा कि चूंकि लीज डीड निष्पादित हो चुकी थी, इसलिए कंपनी को उचित सड़क पहुंच की वैध उम्मीद थी, जिसके बिना निर्माण आगे नहीं बढ़ सकता था।अदालत ने प्राधिकरण को दो सप्ताह में बकाया राशि की पुनर्गणना करने और डेवलपर की संशोधित योजना को मंजूरी देने का निर्देश दिया है। साथ ही, डेवलपर को मांग प्राप्त होने के आठ सप्ताह के भीतर शेष राशि का भुगतान करना होगा।

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