श्रावण महोत्सव 2024” में होगी गायन, वादन और नृत्य से की जाएगी शिव आराधना
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श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा 19वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2024 का आयोजन किया जा रहा हैं। श्रावण महोत्सव 2024 में नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना में देश भर से प्रख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे |
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श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि आज 27 जुलाई से शुरू होने वाले 19वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2024 का आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय सभागृह, जयसिंहपुरा में शाम 7 बजे किया जाएगा। कला साधकों के इस प्रस्तुति समागम के प्रथम शनिवार को मुंबई के पं. रतन मोहन शर्मा का शास्त्रीय गायन, उज्जैन के पं.रामचन्द्र चौहान के निर्देशन में संस्था गेबी साहब ताल वाद्य कचहरी द्वारा समूह तबला वादन व उज्जैन की ऐश्वार्या शर्मा की कथक प्रस्तुातियां शामिल हैं।
कलाकारों के बारे में जानिए
पं.रतन मोहन शर्मा महान शास्त्रीय गायक संगीत मार्तण्ड पं.जसराज के भतीजे और सबसे प्रमुख शिष्य हैं | मेवाती घराने की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली के द्योतक होने के साथ ही हिंदुस्तानी संगीत में आपकी विशेषज्ञता असाधारण रूप से गहरी, व्यापक और प्रेरणादायक हैं। वे ख्याल शैली, तराना, ध्रुपद शैली, हवेली संगीत (मंदिर संगीत), टप्पा और कई हल्के-शास्त्रीय रूपों (भजन और कीर्तन सहित) के कुशल गायक हैं। साथ ही राजस्थानी लोक संगीत शैली के एक प्रतिष्ठित कलाकार भी हैं। वे सम्मानित संगीतकार और संगीत निर्देशक भी हैं और आपने कई तरह के टेली-सीरियल और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित निजी एल्बमों को संगीत दिया है।
पं. रामचन्द्र चौहान की तबले की प्रारम्भिक शिक्षा पं.नृसिंह दास महन्त द्वारा हुई और वर्तमान में इन्हीं के पुत्र पं. श्री बाल कृष्ण महन्त से ये शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पं. राम चन्द्र ने तबला वादन में MA व प्रवीण किया। वे आकाशवाणी के कलाकार रहे हैं और दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। उन्हें अखिल भारतीय गंधर्व मण्डल मुम्बई द्वारा संगीत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया है। संस्था श्री गेबी साहब ताल वादन कचहरी पं. रामचन्द्र चौहान के माध्यम से विगत 10 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रस्तुतियां दे रही है I
ऐश्वर्या शर्मा जयपुर घराने की कथक नृत्यांगना है। नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन में प्रतिभा संगीत कला संस्थान में गुरु प्रतिभा रघुवंशी के मार्गदर्शन में 12 वर्षों तक नृत्य की शिक्षा प्राप्त की है। कथक नृत्य में विद डिप्लोमा इन परफार्मिंग आर्ट्स की परीक्षा राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की है। ऐश्वर्या शर्मा ने दिल्ली कथक केंद्र के गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी की कार्यशाला में नृत्य की बारीकियां सीखी हैं और वर्तमान में सुष्मिता पंवार से कथक नृत्य की शिक्षा ले रही हैं।