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Noida News : गृह मंत्रालय के आदेश पर नोएडा साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर से थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम गए 248 लोगों की जांच शुरू कर दी है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इन लोगों को टूरिस्ट वीजा पर भेजा गया था और वहां उनसे कॉल सेंटर के जरिए साइबर ठगी कराई जा रही थी। जब इनमें से कुछ लोग भारत लौटकर आए तो उन्होंने देश की सुरक्षा एजेंसियों से शिकायत की।
अभी तक संलिप्तता सामने नहीं आई
नोएडा के साइबर क्राइम एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि गृह मंत्रालय ने गौतमबुद्ध नगर जिले के 248 लोगों की सूची भेजी है। ये लोग पिछले एक वर्ष में विभिन्न प्रकार के वीजा पर थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम गए थे। अब इनके बैंक खातों का सत्यापन किया जा रहा है और उनके बारे में अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं। अब तक की जांच में किसी व्यक्ति की संलिप्तता सामने नहीं आई है।
बंधक बनाकर करवा रहे साइबर ठगी
सूत्रों के अनुसार आशंका जताई गई है कि इन लोगों को विदेश में बंधक बनाकर उनसे भारत के लोगों से साइबर ठगी कराई गई। इसके लिए वहां पर कॉल सेंटर खोले गए थे, जहां इन युवकों से काम कराया जाता था। बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं कि विदेश गए युवाओं को अवैध कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनके माध्यम से भारतीयों को ठगा जा रहा है।
कैसे हुआ खुलासा
हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक युवक को पुणे के ट्रैवल एजेंटों के नेटवर्क ने फंसा लिया और उसे कंबोडिया भेज दिया। वहां उसे कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित को एक सप्ताह का संचार कौशल प्रशिक्षण दिया गया और फिर उसे भारतीय मोबाइल नंबरों पर कॉल कर कई अंतरराष्ट्रीय कोरियर सेवाओं के कर्मचारी और कभी-कभी कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में साइबर अपराध करने के लिए कहा गया। इस काम के लिए युवक को 950 अमेरिकी डॉलर प्रति माह वेतन दिया जाता था। तीन माह बाद, साइबर अपराधियों की प्रताड़ना और यातना सहन न कर पाने के कारण युवक कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावास की मदद से भारत लौट आया।
गृह मंत्रालय ने की सूची तैयार
इस घटना के बाद से सक्रिय हुए गृह मंत्रालय ने उन लोगों की सूची तैयार की जो इन देशों में गए थे, जिसमें गौतमबुद्ध नगर के युवा भी शामिल हैं। अब पुलिस इन सभी मामलों की गहनता से जांच कर रही है ताकि इन घटनाओं की पूरी सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।