नदी से होकर निकलती यात्री बस
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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक में अधूरे पुल निर्माण ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। झलोन-सर्रा मार्ग पर बारिश से पहले पुल का निर्माण नहीं हो पाया, जिसके कारण वाहनों को आज भी नदी में से होकर गुजरना पड़ रहा है। गुरुवार को इसी तरह का नजारा देखने को मिला जब नदी में पानी ज्यादा होने के कारण बस चालक ने पहले बस में सवार यात्रियों को नीचे उतारा और उसके बाद भरे पानी से बस को निकाला। यह सफर जोखिम भरा हो सकता है।
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पिछले वर्ष पुल को तोड़कर प्रधानमंत्री सड़क प्राधिकरण विभाग द्वारा नया पुल का निर्माण कराया गया, लेकिन बारिश के पूर्व पुल तैयार नहीं हुआ। पुल निर्माण के समय ठेकेदार ने नदी से मार्ग चालू कर दिया था। गर्मियों में आवागमन में कोई समस्या नहीं आई, लेकिन अब बारिश के बाद नदी का रास्ता डूब गया है, जिससे आवागमन खतरनाक हो गया है। गुरुवार को जब तेंदूखेड़ा से झलोन, सर्रा चलने वाली यात्री बस इस पुल के समीप पहुंची, तो नदी में पानी भरा हुआ था। चालक ने पहले यात्रियों को उतारा और उसके बाद बस को पानी से भरी नदी से निकाला।
दूसरा कोई रास्ता नहीं
झलोन से सर्रा मार्ग जाते समय केवल एक ही मार्ग है, जिससे दर्जनों गांव के लोग आवागमन करते हैं। पुल निर्माण से पूर्व विभाग और ठेकेदार को यह पूरी जानकारी थी, लेकिन ठेकेदार ने अनदेखी करते हुए पुल निर्माण का कार्य धीमी गति से चालू रखा। गर्मियों में ग्रामीणों ने इसकी सूचना ठेकेदार, संबंधित विभाग और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन सभी ने अनदेखा किया।
पुल पर फिसल रहे वाहन
बारिश शुरू होने से पहले तेंदूखेड़ा एसडीएम अविनाश रावत के निर्देश पर पुल निर्माण कार्य में तेजी लाई गई, लेकिन आज भी पुल बंद है। बिसनाखेड़ी निवासी ज्ञानी यादव ने बताया कि ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। गर्मियों में नदी से आवागमन होता रहा, लेकिन अब नदी में पानी भर गया है और निर्माणाधीन पुल में मिट्टी जम गई है, जिससे दो पहिया और चार पहिया वाहनों के चक्के खिसकते हैं।
बसों का निकलना हो जाएगा बंद
झलोन से सर्रा और तारादेही मार्ग पर दर्जनों यात्री बसों का प्रतिदिन आवागमन होता है और सैकड़ों छोटे वाहन आते-जाते हैं। लेकिन अब नदी में पानी भर जाने के कारण बसों का निकलना मुश्किल हो गया है। बस चालक ने सूझबूझ से पहले यात्रियों और स्कूली बच्चों को नीचे उतारा और उसके बाद बस को नदी से निकाला। ग्रामीणों का कहना है कि दर्जनों गांव के बच्चे झलोन पढ़ाई के लिए आते हैं और शिक्षक भी इसी मार्ग से जाते हैं। यदि शीघ्र पुल की साफ-सफाई और नए पुल से आवागमन शुरू करने के उपाय नहीं किए गए, तो दर्जनों गांव का आवागमन पूरी तरह बंद हो जाएगा।
प्रशासन को बताया- बन चुका है पुल
तेंदूखेड़ा एसडीएम अविनाश रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री सड़क विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि पुल से आवागमन शुरू हो गया है। यदि पुल से आवागमन नहीं हो पा रहा है, तो वे तुरंत उनसे बात करेंगे।