माता-पिता बड़े अरमानों से अपने तीन साल के बच्चे का एडमिशन आंगनबाड़ी में करवाया था. उन्हें लगा था कि बच्चा अन्य बच्चों के साथ खेलेगा तो कुछ चीजें सीख जाएगा. लेकिन एडमिशन के अगले ही दिन वो हो गया, जो किसी भी माता-पिता के लिए बुरे सपने से कम नहीं है. बच्चे का नामांकन सोमवार को करवाया था. उसके बाद मंगलवार को बच्चा केंद्र पर गया. लेकिन वहां से जिंदा नहीं लौटा. बच्चे का शव तीन किलोमीटर दूर मिला.
घटना मंगलवार की बताई जा रही है. डौंडीलोहारा ब्लॉक के भेंडी गांव के आंगनबाड़ी में पढ़ने गया तीन साल का बच्चा नाले में बह गया था. एनडीआरएफ की टीम ने बीस घंटे तक बच्चे की तलाश की. तब जाकर केंद्र से तीन किलोमीटर दूर नाले के किनारे कांटों में उसका शव बरामद किया गया. शव को परिजनों को सौंप दिया गया और जांच शुरू कर दी गई.
पहले ही दिन हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक़, बच्चे की मां ने एक दिन पहले ही बेटे को आंगनबाड़ी में भर्ती करवाया था. उसके अगले दिन जब बच्चा वहां गया, तब अचानक ही दोपहर में नाले में गिर गया. बहते नाले में बच्चा केंद्र से तीन किलोमीटर दूर तक चला गया. टीम ने बीस घंटे तक उसकी तलाश की थी. इस घटना के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उससे पूछताछ शुरू कर दी है.
होती है घोर लापरवाही
प्रथम दृष्टया ये घोर लापरवाही का नतीजा लग रहा है. बच्चा केंद्र से बाहर कैसे आया और अगर आया तब किसी ने उसे कैसे नहीं देखा, इसकी जांच की जा रही है. केंद्र में आने वाले बच्चों को उसके घर तक छोड़ने की सुविधा नहीं है. जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि मृत बच्चे के परिवार को चार लाख का मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही इस घटना पर कार्यवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 12:40 IST