मामले की जानकारी लेते टी आई
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दमोह शहर के राय चौराहे के पास संचालित निजी अस्पताल प्रबंधन पर लगे धर्मांतरण के आरोपों के मामले में कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को दो लोगों पर मामला दर्ज कर लिया और कोतवाली टीआई मामले की जांच करने अस्पताल पहुंचे। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए ज्ञापन दिया है जिसे पुलिस ने जांच में शामिल किया है।
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कोतवाली पुलिस ने निजी अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के बेटे अभिजीत लाल और अस्पताल का प्रबंधन देखने वाले संजीव लैंबर्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि कई वर्षों से अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने सोमवार शाम कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए अस्पताल प्रबंधन पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। कोतवाली टीआई ने सभी शिकायतकर्ताओं के आवेदन लेकर मामले की जांच शुरू की थी, जिसमें मंगलवार को दो आरोपियों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता छीनने और धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने के आरोप की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह है मामला
निजी अस्पताल में बीते कई सालों से सुरक्षा गार्ड सुपरवाइजर का काम कर रहे अंबर मिश्रा, गार्ड शैलेंद्र पाठक और डालचंद साहू ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अजय लाल के बेटे अभिजीत लाल और प्रबंधन के प्रमुख संजीव लैंबर्ट उन्हें धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। अंबर मिश्रा ने बताया कि दोनों आरोपियों के द्वारा उनसे ऑफिस में तिलक न लगाने, कलावा न पहनने और चोटी न रखने के लिए कहा जा रहा है। दूसरे शिकायतकर्ता शैलेंद्र पाठक ने बताया कि हिंदू धर्म से जुड़ी रीतियों को न मानने पर दबाव बनाया जा रहा है और अस्पताल में होने वाली प्रार्थना और चर्च में जबरन उपस्थित रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। तीसरे शिकायतकर्ता ने भी यही आरोप लगाए थे। इन आरोपों को लेकर मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल का कहना था कि धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है। उनके यहां कई हिंदू कर्मचारी काम करते हैं। कभी भी इस तरह का दबाव नहीं बनाया गया और न ही ऐसी कोई बात है। यूनिफॉर्म पहनने के लिए कहा गया था, जिसको लेकर यह आरोप लगाए जा रहे हैं।
अस्पताल के कर्मचारियों ने SP को सौंपा ज्ञापन:
धर्मांतरण से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद मंगलवार दोपहर अस्पताल में काम करने वाले कई हिंदू कर्मचारियों ने एसपी को एक आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि वह कई सालों से यहां काम कर रहे हैं और धर्मांतरण जैसा दबाव कभी नहीं बनाया जाता। जिन लोगों के द्वारा आरोप लगाए गए हैं, वह झूठे हैं। मामले की जांच की जानी चाहिए। दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने कहा कि शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अस्पताल के कर्मचारियों ने जो आवेदन दिया है, उसे जांच में शामिल किया जाएगा। सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।