Thursday, February 6, 2025
Homeमध्यप्रदेशDamoh: परिवार से बिछड़ी मासूम को आदिवासी दंपती ने दिया मां-बाप की...

Damoh: परिवार से बिछड़ी मासूम को आदिवासी दंपती ने दिया मां-बाप की तरह प्यार, कहीं और जाने को तैयार नहीं किशोरी


आदिवासी परिवार के साथ खड़ी किशोरी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


दमोह जिले के हटा ब्लॉक में आने वाले मडियादो गांव निवासी आदिवासी दंपती ने मानवता की मिशाल पेश की है। उन्होंने 15 दिन पहले लावारिस हालत में परिवार से बिछड़ी एक किशोरी को अपने घर आसरा दिया। आज यह बच्ची कहीं और जाना नहीं चाहती। जबकि प्रशासन उसके लिए अच्छी व्यवस्थाएं करने को तैयार है।

कहते हैं इंसानियत जाति, धर्म और गरीबी नहीं देखती है। मानवता का मूल उद्देश्य ही दूसरों की मदद करना है। ऐसी ही मानवता की मिशाल पेश की है मडियादो के अच्छेलाल आदिवासी ने जो आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर हैं। लेकिन मानवता में बड़े अमीर हैं। 15 दिन से मजदूरी और लकड़ी बेचकर लावारिश बच्ची का पालन करने में जुटे अच्छेलाल आदिवासी की सभी तारीफ कर रहे है।

जानकारी के अनुसार, 15 दिन पहले नौ वर्षीय एक किशोरी मडियादो बाजार में रोती हुई घूम रही थी। मडियादो निवासी अच्छेलाल आदिवासी ने जब बच्ची को बहुत देर तक रोते हुए और भटकते देखा तो उससे नाम पता पूंछा जो बच्ची नहीं बता पाई। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और बच्ची को सुरक्षित अच्छेलाल के हवाले कर दिया गया। 15 दिनों से अच्छेलाल आदिवासी किशोरी को अपने पांच बच्चों के साथ पालने में जुटा हुआ है। लड़की के द्वारा बताए गए पते पर मडियादो पुलिस द्वारा पतासाजी की गई, लेकिन परिजन नहीं मिले।

बच्ची बोली, सौतेली मां मारती है

बच्ची द्वारा अपना नाम सुधा आदिवासी गेसाबाद गांव की निवासी बताया। अब वह अच्छेलाल आदिवासी के बच्चों के साथ खुश है और अब कहीं जाना नहीं चाहती है। उसके पिता का नाम कन्नू आदिवासी है, जिसकी मौत एक साल पहले हो गई थी और उसकी मां सौतेली है। जो परेशान करती और मारती है।

ऐसे पहुंची मडियादो

सुधा ने बताया कि वह बटियागढ़ में अपनी मौसी के यहां गई थी। मौसी ने गैसाबाद जाने वाली बस में बैठा दिया था। नींद लग जाने से वह मडियादो पहुंच गई, अब वह घर नहीं जाना चाहती है। सुधा का कहना है कि उसे यहां माता-पिता और भाई बहन से बहुत प्यार मिल रहा है अब खुश है। लड़की के बेसहारा होने की जानकारी मिलने के बाद मडियादो की बालिका छात्रावास में पदस्थ वार्डन चंद्रकिरण खरे और सहायक वार्डन साक्षी बड़ेरिया अच्छेलाल आदिवासी के घर पहुंची और लड़की को छात्रावास चलने की बात कही।

वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बाद उनके द्वारा कहा गया, लड़की को जब तक परिजन नहीं मिल जाते हैं, तब तक पढ़ाने और उसको सारी सुविधाएं देने मदद की जाएगी। फिलहाल, लड़की छात्रावास जाना नहीं चाह रही है। इस संबंध में मडियादो थाना प्रभारी ब्रजेश पांडे ने बताया कि किशोरी के परिजनों की तलाश की जा रही है। महिला बाल विकास हटा के परियोजना अधिकारी शिव राय का कहना है कि टीम भेज कर विभागीय योजना अनुसार बच्ची को जब तक परिजन नहीं मिलते सागर होम्स भेजा जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments