रायपुरः छत्तीसगढ़ में इन दिनों खेती-किसानी का काम चरम पर है. लेकिन औसत से कम बारिश होने की वजह से प्रदेश के कई ऐसे किसान हैं जो कहीं ना कहीं खेती किसानी के कामों से पिछड़ रहे हैं. अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि उन्हें किस विधि से खेती करनी चाहिए. ऐसे में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों के द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है. किसान कम वर्षा की स्थिति में रोपाई विधि से खेती न कर सीधी बुवाई विधि से खेती करनी चाहिए. इसके अलावा किसानों को खरपतवार नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर विवेक त्रिपाठी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष अभी तक जितना पानी गिरना था. अलग अलग जिलों में उससे लगभग 20 से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है. ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ में जो किसान रोपाई विधि से धान की खेती करते हैं उन्हें सीधी बुवाई कर खेती करनी चाहिए. क्योंकि, औसत से कम बारिश हुई है. सीधी बुवाई के लिए सीडड्रिल मशीन का उपयोग कर सकते हैं. 20 सेमी की दूरी से धान की कतार में बोनी करनी चाहिए. धान की कतार बोनी या सीधी बुवाई में खरपतवारों का प्रबंधन बहुत जरूरी है.
खरपतवार के लिए है नोमिनो गोल्ड
किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए अंकुरण के पूर्व खरपतवार नाशी पाइराजोसल्फ्यूरॉन जो साथी नाम से बाजार में बिकता है. उसका 80 ग्राम प्रति एकड़ के मात्रा से इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि खरपतवार फिर भी प्रबंधन नहीं होते या बाद में चौड़ी पत्ते वाली खरपतवार आने पर नोमिनो गोल्ड नाम की खरपतवार नाशक का 100 एमल प्रति एकड़ के हिसाब से डालने पर खरपतवार नियंत्रण हो जाते हैं. धान की फसल में खरपतवारों की रोकथाम की यांत्रिक विधियां तथा हाथ से निराई-गुड़ाई काफी प्रभावी पाई गई है. लेकिन विभिन्न कारणों से इनका व्यापक प्रचलन नहीं हो पाया है, ऐसे में किसान खरपतवारनाशी का उपयोग कर फसल को बचा सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 15:04 IST