Monday, April 21, 2025
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वायु प्रदूषण ने किया नोएडा-एनसीआर का हाल-बेहाल : नियंत्रण के लिए कदम उठाने में भी पिछड़े, सांस लेने में भी हो रही दिक्कतें

Tricity Today | सांस लेने में भी हो रही दिक्कतें




Noida-NCR News : वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है, जो की देश के हर व्यक्ति को परेशान अथवा बीमारियों से ग्रस्त कर रही है। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव नोएडा और उसके आस पास के इलाकों में देखने को मिल रहा। भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक नोएडा इस पर नियंत्रण के लिए आवंटित धनराशि का उपयोग करने में फिसड्डी साबित हुआ है। 2019 से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राप्त 21.95 करोड़ रुपये में से केवल छह प्रतिशत का ही उपयोग किया है।

पर्यावरण परिवर्तन मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि एनसीएपी के अंतर्गत शामिल 131 शहरों में से 19 ने तीन मई तक आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत से भी कम इस्तेमाल किया है। इसमें 37.33 प्रतिशत के साथ राष्ट्रीय राजधानी और 38.89 प्रतिशत के साथ फरीदाबाद भी शामिल हैं।  इस प्रदूषण की मार से निपटने के लिए नोएडा ने आवंटित 21.95 करोड़ रुपये में से केवल 1.43 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया है। बेंगलुरु ने 535.1 करोड़ रुपये में से केवल 68.37 करोड़ रुपये खर्च किए नागपुर ने 132.6 करोड़ रुपये में से 17.71 करोड़ रुपये का उपयोग किया और विशाखापत्तनम ने प्राप्त 129.25 करोड़ रुपये में से 26.17 करोड़ रुपये खर्च किए।


प्रदूषण में लानी है 20-30 प्रतिशत की कमी

देश के चार शहरों ने 25 प्रतिशत से भी कम उपयोग किया है। एनसीएपी 2019 में शुरू किया गया और यह स्वच्छ वायु लक्ष्य निर्धारित करने का भारत का पहला राष्ट्रीय प्रयास है। इसका लक्ष्य 2017 को आधार वर्ष मानकर 2024 तक पीएम10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर या उससे कम आकार के कण) प्रदूषण में 20-30 प्रतिशत की कमी लाना है। बाद में लक्ष्य को संशोधित किया गया और 2019-20 को आधार वर्ष मानकर 2026 तक 40 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। कुल 46 शहरों और शहरी समूहों ने कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त धनराशि का 75 प्रतिशत से भी कम खर्च किया, जो या तो उसे सीधे पर्यावरण मंत्रालय से या 15वें वित्त आयोग के माध्यम से प्राप्त हुई।

धनराशी का उपयोग करने में पिछड़े शहर

उपयोग प्रतिशत में –

पुणे – 26.44 

गुलबर्गा –  27.2 

वसई-विरार – 28.01

नासिक – 28.21

कोल्हापुर – 28.37

विजयवाड़ा – 29.16

अंगुल – 29.95

जमशेदपुर-  35.78

अनंतपुर – 38.39

दुर्ग भिलाईनगर – 42.31

वाराणसी – 46.25

रांची – 48.73

जालंधर – 48.81

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