उमेश मौर्य, बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से चौंकाने वाली खबर है. जिले के एक गांव में दो सगे भाइयों की मलेरिया से मौत हो गई. एक भाई की इलाज के दौरान अस्पताल में, तो दूसरे भाई की घर में मौत हो गई. परिजन दोनों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे थे. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है. पूरे इलाके में मातम पसर गया है. दूसरी ओर, मलेरिया से मौत का पता चलते ही स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. विभाग ने मृतकों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद बात करने की बात कही है. विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
यह घटना कोटा-बेलगहना क्षेत्र के ग्राम टेंगनमाडा की है. यहां एक परिवार के दो बेटों 14 वर्षीय इमरान और 15 वर्षीय इरफान को अचानक बुखार आया. इसे मामूली बुखार समझ परिजन उन्हें झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए. यहां जब डॉक्टर ने इलाज शुरू किया तो उनकी तबीयत और बिगड़ गई. इसकी सूचना किसी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दे दी. सूचना मिलते ही विभाग की टीम आई तो देखा कि बच्चों की हालत खराब है. बड़े भाई की हालत गंभीर होते देख टीम ने उसे इलाज के लिए तत्काल कोटा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर दिया. यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
हाईकोर्ट में सुनवाई आज
गौरतलब है कि, डायरिया और मलेरिया को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इन बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. जिले में 7 जुलाई से लेकर अब तक 501 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. 2 की मलेरिया और 1 की डायरिया से मौत हो चुकी है. 29 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. 72 मरीजों का इलाज अभी भी जारी है. जिले के अलग अलग उप स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों का इलाज चल रहा रहा है.
FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 10:08 IST