लापता युवक दिग्विजय और पिता।
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साहब मेरा पुत्र दो महीने से लापता है। महिदपुर थाने में दो महीने से उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट की है लेकिन अभी तक बेटे का पता नहीं चल पाया है। वह उज्जैन में पढ़ाई के दौरान इस्कान वालों से जुड़ा था। इस्कान के अनीस प्रभु व प्रदुल प्रभु ने ही उसे गायब कर दिया। यह गंभीर आरोप लगाते हुए महिदपुर क्षेत्र के झूटावद गांव निवासी प्रभुलाल ने रोते हुए एसपी सचिन शर्मा से यह शिकायत की।
पूरा माजरा कुछ यह है कि महिदपुर क्षेत्र के ग्राम झूटावद में रहने वाले प्रभुलाल का पुत्र दिग्विजय जो की विक्रम विश्वविद्यालय में एमसीए की पढ़ाई कर रहा था नवंबर माह से अचानक कहीं गायब हो गया। दिग्विजय के गायब होने के बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट महिदपुर थाने में दर्ज करवाई गई थी। आलोट थाने में भी इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई और रतलाम एसपी से लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस पूरी शिकायत से अवगत करवाया गया लेकिन 2 महीने बीतने के बावजूद भी जब दिग्विजय का कोई पता नहीं लगा तो प्रभुलाल एसपी सचिन शर्मा के पास दिग्विजय के गुमशुदा होने के सभी दस्तावेज लेकर पहुंचा और उसने फफक फफक कर रोते हुए एसपी से यह गुहार लगाई की साहब मैं तो बेटे को ढूंढ ढूंढकर परेशान हो गया हूं अब आप ही उसे ढूंढ लाओ।
इस्कॉन के अनीस प्रभु व प्रदुल प्रभु पर लगाए गंभीर आरोप
प्रभुलाल ने एसपी सचिन शर्मा को बताया कि एमसीए की पढ़ाई के दौरान दिग्विजय इस्कान वालो से जुड़ा था। यह धार्मिक संस्था है इसीलिए हमने कभी उसे प्रभु भक्ति से नहीं रोका लेकिन इस्कान के अनीस प्रभु व प्रदुल प्रभु उससे सोशल मीडिया के माध्यम से भी जुड़े हुए थे जो कि उसे बार-बार अपने पास बुलाते रहते थे। प्रभुलाल ने बताया कि इस्कॉन मंदिर का बसंत विहार में एक हॉस्टल है। जहां पर दिग्विजय अनीश प्रभु और प्रदुल प्रभु से मिलने भी जाता था। इन लोगों ने कुछ माह पहले मुझे भी कहा था कि आपका बच्चा बहुत स्मार्ट है इसे हमें दे दो लेकिन मेरा एक ही बच्चा था इसीलिए मैंने इन्हें मना कर दिया। प्रभुलाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अनीश प्रभु और प्रदुल प्रभु ने ही बच्चों को गायब किया है।
हम जारी कर चुके हैं एडवाइजरी
इस पूरे मामले को लेकर जब इस्कान मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि यह बात सही है कि दिग्विजय इस्कॉन मंदिर से जुड़ा था और वह अपने दोस्तों के साथ यहां आता भी था। इस्कॉन में प्रभु भक्ति के लिए काफी लोग आते हैं। दिग्विजय कहां गया यह हमें पता नही है। फिर भी हमने इस पूरे मामले को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है।