Tricity Today | Cm Yogi
Noida News : अगर आपके दिमाग में कुछ ऐसा विचार है, जिसे स्टार्टअप के रूप में शुरू किया जा सकता है, तो आईये उत्तर प्रदेश में। यहां योगी सरकार आपको स्वरोजगार के लिए बिना ब्याज के लोन देगी। अगले 10 सालों में 10 लाख युवाओं को बिना ब्याज के लोन देने की घोषणा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए ऐसा किया जाएगा।
दो चरण में लागू होगी योजना
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युवा उद्यमी के रूप में एक नई स्कीम आने जा रही है। पहले चरण में 5 लाख और दूसरे चरण में 10 लाख का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कुल 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसमें युवाओं को जो लोन दिया जएगा वह इंट्रेस्ट फ्री होगा। रोजगार को बढ़ाए जाने के प्रयासों के तहत योगी सरकार में विश्वकर्मा श्रम सम्मान और ओडीओपी के अंतर्गत हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही एमएसएमई इकाइयों को 50,000 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है।
1,000 दिन तक एनओसी की आवश्यकता नहीं
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का जो युवा पहले रोजगार के लिए भागता था, आज उसे अपने जिले में ही अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। इसमें बैंकर्स की भी बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश का पैसा उत्तर प्रदेश के विकास व युवाओं के रोजगार के लिए खर्च हो रहा है। ओडीओपी के अंतर्गत कोई भी उद्यम लगाएगा तो उसे 1,000 दिन तक एनओसी की आवश्यकता नहीं है। हमने व्यवस्था की कि जो भी इस प्रकार के उद्योग लगेंगे, वह एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराएं और उसे पांच लाख रुपये की सुरक्षा बीमा का कवर देंगे।
ग्लोबल स्टेज बनेगा यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024
सीएम योगी ने ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 को यूपी के पोटेंशियल को वैश्विक मंच वाला माध्यम करार देते हुए कहा कि प्रदेश में एमएसएमई कल्चर को और बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के सुझाव दिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को नए भारत के शिल्पी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में शुरू की गई योजनाएं लाखों लोगों को लाभ पहुंचाने के साथ ही आय बढ़ाने का माध्यम बन रही हैं।
योगी सरकार में मिला हस्तशिल्पियों को बढ़ावा
योगी ने कहा कि पारंपरिक उत्पाद पहले प्रदेश में बंदी की कगार पर थे, लोग पलायन कर रहे थे। जब स्वयं हस्तशिल्पी ही संकट में हों, तो रोजगार कहां से उत्पन्न होगा। दंगों, सरकारी लेटलतीफी के कारण पलायन के अलावा उनके पास चारा नहीं था। जब हमारी सरकार बनी तो हमने कमेटी गठित कराई कि पारंपरिक उत्पाद और उद्योग क्या हैं और उनको प्रश्रय देने का कार्य किया गया।