हादसे के बाद…
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सूरजपुर जिले के रमकोला एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर से लगे घुई के धुरिया जंगल में करंट की चपेट में आकर हथिनी की मौत हुई थी। आरोपियों ने शव के कई टुकड़े कर 12 गड्ढों में अलग-अलग दफनाया था। उक्त मामले में वन विभाग ने 7 और ग्रामीणों को आरोपी बनाया है। गुरुवार को कोर्ट में पेशकर वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। वही इस मामले में तीनों आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।
मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र घुई अंतर्गत धुरिया के जंगल से लगे खेतों में ग्रामीणों के द्वारा फसल लगाई गई थी। फसल को जंगली जानवरों ने सुरक्षा के लिए जीआई तार फैलाकर करंट लगाया था। इसकी चपेट में आने से हथिनी की मौत हो गई थी।
ग्रामीणों ने बेरहमी से हाथियों के शव के कई टुकड़े कर अलग-अलग 12 गड्डों में शरीर के विभिन्न हिस्सों को दफन किया था। इसकी सूचना बीते रविवार को डीएफओ पंकज कमल को मिली थी। इसमें वन अमले ने गड्डों में दफन हथिनी के अवशेषों को बरामद किया था। मामलों में आरोपित रामचंद्र 31 वर्ष, माधव सिंह 27 वर्ष, प्राणबोधी 34 वर्ष, बैजनाथ 54 वर्ष, लालमोहन 48 वर्ष, गंगाराम 28 वर्ष व रामकृष्ण 29 वर्ष को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
तीन ग्रामीण पहले भेजे जा चुके हैं जेल
मामले की जांच के बाद 29 जनवरी को वन अमले ने तीन आरोपी नरेंद्र सिंह 35 वर्षीय, जनकुराम 50 वर्षीय व रामचंद्र अगरिया 30 वर्ष को गिरफ्तार किया था। जिसमे प्रतापपुर न्यायालय से जेल भेज दिया गया था। एक आरोपी फरार बताया जा रहा था। इसी बीच घटना में सिर्फ चार लोगों की खबर पर मामले की विस्तृत जाँच की गई। तो इसमें 10 लोगों की संलिप्त होने का खुलासा हुआ।
सूरजपुर बलरामपुर जिले में ग्रामीणों द्वारा जंगली जानवरों को शिकार करने के लिए अक्सर जंगलों के भीतर करंट के फंदे का इस्तेमाल किया जाता है। जिनकी चपेट में आने से अब तक कई हाथियों के मौत हो चुकी है। कुछ ग्रामीण भी इस फंदे की चपेट में आने से अपनी जान गवा बैठे हैं और कई हाथियों के मरने के मामले में सलाखों में बंद है। उसके बावजूद हाथियों को करने का सिलसिला नहीं रख रहा है।