स्कूल की गिरी छत
– फोटो : अमर उजाला
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दमोह जिले के गैसाबाद संकुल अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्कूल रामतलैया की बिल्डिंग धराशाई हो गई। यहां स्कूल भवन की छत गिर गई। गनीमत यह रही की जिस समय हादसा हुआ, उस दौरान बच्चे नहीं थे, जिससे बड़ी घटना टल गई।
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बता दें, हटा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले 57 शासकीय स्कूलों की बिल्डिंग क्षतिग्रस्त है। जो बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। जानकारी अनुसार, स्कूल में पदस्थ शिक्षक ने भवन गिरने का अंदेशा पहले ही जताया था, जिसको देखते हुए सोमवार को विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक हटा ने पास के प्राथमिक टपरन टोला में स्कूल लगाने के लिए आदेशित किया था और शुक्रवार की रात भवन की छत नीचे आ गई गनीमत रही कि स्कूल के बच्चे यहां पड़ने नहीं आ रहे थे।
हैरानी की बात यह है कि यहां पर सिर्फ सात बच्चे दर्ज हैं। जबकि यहां से हिनौता गांव के निजी स्कूल में अध्यापन कार्य के लिए दस बच्चे निजी वाहनों से प्रतिदिन जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्व से ही स्कूल की स्थिति दयनीय रही होगी। यहां पर कक्षा पहली में एक, कक्षा दो में दो, कक्षा तीन में एक कक्षा चार में दो एवं कक्षा पांच में एक बच्चा ही दर्ज है। स्कूल की बिल्डिंग को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके रखरखाव में लापरवाही बरती गई है जबकि सर्व शिक्षा अभियान में अलग से उपयंत्रियों की नियुक्ति है, जिन्हें समय-समय पर निरीक्षण कर बिल्डिंग मरम्मत का स्टीमेट बनाकर भेजना होता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और बिल्डिंग जमींदोज हो गई।
स्कूल में पदस्थ शिक्षक टेकनारायण राजपूत का कहना है कि स्कूल मरम्मत के लिए विभाग से लगातार पत्राचार किया गया। लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई। दो दिन पहले ही बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। इस संबंध में प्रभारी बीआरसी एमएल अहिरवार का कहना है कि बारिश के पूर्व 57 स्कूलों की जानकारी मरम्मत के लिए भेजी गई है, अभी फंड प्राप्त नहीं हुआ है।