छह महीने के बीमार मयंक को उसकी मां बाबा रघुवीर धाकड़ के पास लेकर गई थी। झाड़-फूंक के नाम पर उसने बच्चे के दोनों पैर पकड़कर आग के ऊपर उल्टा लटका दिया। इससे उसका चेहरा जल गया था।
छह महीने के बीमार मयंक को उसकी मां बाबा रघुवीर धाकड़ के पास लेकर गई थी। झाड़-फूंक के नाम पर उसने बच्चे के दोनों पैर पकड़कर आग के ऊपर उल्टा लटका दिया। इससे उसका चेहरा जल गया था।