देर शाम से ही लोग होलिका को सजाने में जुट गए थे, जिसके बाद पूजन-अर्चन का दौर शुरू हुआ। महिलाओं ने पूजन-अर्चन के बाद पकवानों का भोग लगाया। इसके बाद होलिका की परिक्रमा कर परिवार की सुख-समृद्धि, निरोगी काया और बुराई के नाश की कामना की।
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भद्रा के कारण देर रात होलिका दहन
बता दें कि इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया होने के कारण अधिकांश स्थानों पर देर रात 11:30 बजे के बाद दहन किया गया। हालांकि, कुछ स्थानों पर रात 8 बजे भी होलिका दहन किया गया। शहर में करीब 50 से अधिक स्थानों पर छोटी-बड़ी होलिका जलाई गई, जबकि हर गली-मोहल्ले में होलिका दहन हुआ। इस दौरान लकड़ी के साथ कंडों का भी दहन किया गया। शाम होते ही शहर की कॉलोनियों, मोहल्लों और बस्तियों में महिलाएं पूजा की थाली सजाकर होलिका स्थल पर पहुंचीं। उन्होंने कंडों की माला (घोइडिया) चढ़ाकर होलिका की पूजा-अर्चना की और परिक्रमा कर परिवार की सुख-समृद्धि, खुशहाली व निरोगी काया की कामना की। आज होली की लोग जमकर एक दूसरे को रंग गुलाल लगाएंगे। पांच दिवसीय रंगोत्सव के दौरान होली खेली जाएगी।
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पुलिस की रही चाक-चौबंद व्यवस्था
होलिका दहन देर रात तक चलने के कारण पुलिस भी पूरी तरह मुस्तैद रही। सभी आला अधिकारियों ने पेट्रोलिंग कर स्थिति पर नजर बनाए रखी।
कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी गई। संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के साथ ही ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए, जहां पूरी रात पुलिस जवान तैनात रहे। पुलिस की सख्त निगरानी के चलते कोई अप्रिय घटना नहीं घटी और होलिका दहन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।