Wednesday, March 12, 2025
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मेहता पाइंट में बिना अनुमति पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, तत्काल कार्रवाई की मांग

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा और रायगढ़ में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. मेहता पाइंट, एक प्रमुख पर्यटन स्थल, पर बिना अनुमति पेड़ काटे जा रहे हैं. वन विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए.

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पेड़ों का बली 

हाइलाइट्स

  • सरगुजा और रायगढ़ में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है.
  • मेहता पाइंट पर बिना अनुमति पेड़ काटे जा रहे हैं.
  • वन विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए.

रमजान खान/अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा और रायगढ़ के सरहदी इलाके में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. पेड़ काटने के बाद जेसीबी से जमीन को समतल भी किया जा रहा है. बिना अनुमति के पेड़ काटना और फिर जेसीबी से समतलीकरण करना नियमों के खिलाफ है. फरवरी 2023 में जनपद पंचायत ने मेहता पाइंट को लीज पर दिया था. उस समय मेहता पाइंट में पुराने और नए पेड़ों की हरियाली थी, लेकिन अब मनमाने तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा है.

यह इलाका सरगुजा का अंतिम छोर माना जाता है और इसे मेहता पाइंट के नाम से जाना जाता है, जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. यहां से रायगढ़ का दृश्य साफ दिखाई देता है. इस जगह पर रुकने के लिए भवन भी हैं और अंदर बागवानी भी की गई थी. पेड़ों की कटाई और समतलीकरण गलत है और वन विभाग को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए.

अगर पेड़ काटे जाएंगे तो हरियाली कैसे बचेगी?
पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन निजी काम के लिए पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा. पहले यहां पेड़ काटे गए और फिर जमीन को समतल किया गया. अगर पेड़ों की कटाई नहीं रोकी गई तो इलाका साफ हो जाएगा और इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ेगा.

हरियाली खत्म होना बना बड़ा खतरा 
लोकल 18 की टीम को कुदारीडीह के स्थानीय व्यक्ति जयपाल ने बताया कि मेहता पाइंट में कुछ दिनों पहले मालिक ने, जिसने लीज टेंडर में मेहता पाइंट को लिया है, पेड़ों को कटवाया है. वन विभाग की बिना अनुमति के पुराने और नए पेड़ों को काटा गया है. मेहता पाइंट प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां देश-प्रदेश से पर्यटक हरियाली देखने आते हैं. लेकिन इस प्रकार से हरियाली को नष्ट किया जाएगा तो आने वाले समय में यहां की हरियाली खत्म हो जाएगी. लगभग 15-20 पेड़ों को 10 से 15 दिनों के भीतर काटा गया और जमीन को समतल किया गया, इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है.

जांच के बाद कार्यवाही
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि फरवरी 2023 से मेहता पाइंट को टेंडर में उच्च दर होने की वजह से अतुल दुबे को तीन साल के लिए दिया गया है और फरवरी 2026 में यह लीज खत्म हो जाएगी. पेड़ों की कटाई को लेकर शिकायत आई है और जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी.

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