Friday, March 14, 2025
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भूपेश बघेल के बेटे के घर पर छापेमारी के बाद भागे-भागे थाने क्यों पहुंची ED? जांच एजेंसी की टीम भी हो गई परेशान

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Attack In ED Team: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे के घर पर ईडी ने छापामार कार्रवाई की. इसके बाद ईडी की टीम को थाने जाना पड़ गया. आइए जानते हैं पूरा मामला.

ईडी पर हमला.

हाइलाइट्स

  • ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे के घर पर छापा मारा.
  • 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
  • ईडी की टीम पर समर्थकों ने पथराव किया.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर ईडी ने शिकंजा कसा है. सोमवार को ईडी की टीम ने भूपेश बघेल और उनके बेटे के 10 से ज्यादा ठिकानों पर रेड की. बताया जा रहा है कि ये छापेमारी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर की गई है. छापेमार कार्रवाई के बाद ईडी थाने के लिए निकल गई. अब सवाल उठ रहे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि छापे के बाद ईडी को थाना जाना पड़ा. आइए बताते हैं सबकुछ…

इसलिए थाने गई ईडी
करीब सुबह 8 बजे भूपेश और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पर चार गाड़ियों में ईडी की टीम पहुंची थी. दोपहर में कार्रवाई के बीच नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें भी मंगाई गई. इस बीच जब ईडी की टीम घर से बाहर निकली तो पूर्व सीएम के समर्थकों ने हंगामा करते हुए ईडी की कार पर पथराव कर दिया. कार्यकर्ताओं ने ईडी के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की की है. यहां तक कि कई कार्यकर्ता ईडी की गाड़ी के नीचे लेट गए थे.

25 के खिलाफ एफआईआर
इस घटना के कुछ घंटे बाद रात 10 बजे ईडी के अधिकारी सुरक्षाकर्मी को लेकर पुरानी भिलाई थाने पहुंचे. यहां उन्होंने मामले की शिकायत दर्ज कराई. वहीं, अधिकारी की कार पर पत्थर फेंकने वाले शख्स को सुरक्षाबलों ने मौके पर पकड़ लिया था. पुलिस टीम पथराव करने वाले युवक को अपने साथ लेकर गई है. शिकायत पर कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुशील उर्फ सन्नी अग्रवाल समेत 25 और लोगों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने, रास्ता रोकने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर हुई है.

क्या बोले भूपेश बघेल?
वहीं, भूपेश बघेल ने इस पूरी कार्रवाई को उनके खिलाफ साजिश बताया है. उन्होंने कहा, ‘मैं अखबार पढ़ रहा था और चाय पी रहा था, तभी ईडी की टीम आई. मैंने उनसे कहा कि उनका स्वागत है. मैं तो महीनों और सालों से उनका इंतजार कर रहा था. मेरी पत्नी, तीन बेटियां, बेटा, बहू, पोते और पोतियां यहां रहते हैं. हम खेती करते हैं. इस संयुक्त परिवार में हम 140 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं. हमारे पास वही था जो हमने घोषित किया था. उन्होंने इसकी जांच की. अलग-अलग लोगों से 33 लाख रुपये नकद मिले, मेरी पत्नी, बेटे, बहू और बेटियों से. हम खेती भी करते हैं और डेयरी भी चलाते हैं. इसमें स्त्रीधन भी शामिल है.’

उन्होंने कहा, ऐसा माहौल बनाया गया कि नोट गिनने वाली मशीनें लाई गई, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी रकम है. यह साफ है कि अब विधानसभा में सवाल पूछना अपराध हो गया है. कवासी लखमा ने सवाल पूछे और ईडी 8 बजे के भीतर उनके आवास पर थी 8 दिन में ही जेल हो गई. मैंने विजय शर्मा से गरीबों के लिए आवास के बारे में पूछा. चौथे दिन वे (ईडी) मेरे आवास पर आ गए.

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बघेल के घर पर छापेमारी के बाद भागे-भागे थाने क्यों पहुंची ED? जांच एजेंसी भी..

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