रायपुर. महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का मामला इन दिनों सूर्खियों में है. अब छत्तीसगढ़ में भी फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी करने वालों के नाम दिव्यांग संघ ने उजागर किया है. संघ के पदाधिकारियों ने बकायदा पीसी लेकर इसकी जानकारी शेयर की है. उनका आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर से लेकर पशु चिकित्सक तक शामिल इस फर्जीवाड़े के खेल में अधिकारी बन गए. मामले की शिकायत भी हुई, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है.
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ का आरोप है कि सरकारी नौकरी में 50 फीसदी दिव्यांग फर्जी हैं. संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर का कहना है कि वर्तमान में PSC से चयन होकर 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक, 3 पशु चिकित्सक समेत 21 लोग फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के जरिए नौकरी कर रहे है. 21 लोगों के नाम बताए गए हैं. उनका मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांगता का परीक्षण 15 दिन के भीतर होना चाहिए.
दिव्यांग सेवा संघ का आरोप
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर का कहना है कि रिचा दुबे सहायक संचालक कृषि महासमुंद बर्खास्त हो चुकी हैं. उन पर फौरन केस दर्ज होना चाहिए. राज्य शासन फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनने से रोकने के लिए कड़ा परिपत्र जारी करे. जो भी इसमें शामिल हो उन्हें 7 साल सजा और 50 लाख रुपये जुर्माना भी लगाना चाहिए.
21 अगस्त को होगा आंदोलन
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को 15 दिन में पूरा नहीं करेगी तो 21 अगस्त को प्रदेश के दिव्यांग रायपुर में आंदोलन कर सीएम हाउस तक पैदल मार्च करेंगे. छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि 2 साल पहले कृषि विभाग के 52 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यान विभाग के 11 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मुंगेली जिले के 39 अधिकारी-कर्मचारी, जल संसाधन विभाग के करीब 10 सब इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग के करीब 15 सब इंजीनियर के फर्जी दिव्यांग होने की शिकायत की थी. अब तक शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई है.
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FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 17:43 IST