केशव कुमार/ जिला महासमुन्द:- छत्तीसगढ के महासमुंद जिले के पिथौरा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम किशनपुर में स्थित स्वप्रकट शिवलिंग लिंगेश्वर महादेव लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां पर स्वप्रकट शिवलिंग का दर्शन और जलाभिषेक करने के लिए प्रति दिन कई हजार शिव भक्त पहुंच रहे हैं. किशनपुर के लोगों ने कहा कि लिंगराज बारीक के खेत में एक पेड़ के नीचे शिवलिंग प्रकट हुआ है. यह बात गांव के ही शौकीलाल सेठ को सपने में पता चली.
शौकीलाल सेठ ने दिनांक 28 जुलाई 2022 को हरीयाली अमावस्या के दिन उस खेत में जाकर उसी पेड के नीचे पूजा पाठ करने के लिए साफ सफाई किया. फिर वहां शिवलिंग आकार का एक काला पत्थर दिखाई दिया. शौकीलाल सेठ ने उस पत्थर की पूजा-अर्चना कर अपने घर वापस आकर ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी दी. इसके बाद धीरे-धीरे ग्रामीण वहां पहुचने लगे और भीड़ बढ़ता गया. लोग स्वप्रकट शिवलिंग की पूजा आरती, जलाभिषेक करने लगे. शिव भक्तों का मानना है कि स्वप्रकट शिवलिंग लिंगेश्वर महादेव की पूजा कर मांगी मुराद पूरी होने लगी है, तब से यहां प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ लगती है.
दर्शन हेतु भक्तों की भारी भीड़
छत्तीसगढ के लगभग सभी जिलों के साथ-साथ अन्य राज्य ओडिसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश से भी लोग दर्शन करने पहुच रहे हैं. भक्तों की भारी भीड़ तो सभी दिन रहती है. लेकिन, सोमवार को भीड़ कई गुना बढ़ जाती है. लगभग दो किलोमीटर की लंबी लाइन के कतार में लोग कई घंटे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर दर्शन करते हैं.
क्या है मान्यता
यहां के लोगों का कहना है कि जब उन्होंने शिवलिंग के पास के मिट्टी को अपने दर्द वाले जगह पर लगाया, तो उनका दर्द तुरंत ठीक हो गया. ग्रामीणों का कहना है कि यहां की मिट्टी को दर्द वाले जगह पर लगाने से दर्द से छुटकारा मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 15:20 IST
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