बिलासपुर के नजदीक नयापारा मुक्तिधाम में अनोखी परंपरा देखने को मिली, 23 गांवों की रामायण मंडलियों ने यहां पर मनमोहक प्रस्तुति दी. धर्म और परंपरा का ऐसा संगम शायद ही कहीं देखने को मिले, जहां श्मशान घाट जैसे शांत और गंभीर स्थल पर भी भक्ति का माहौल जीवंत हो उठे. बिलासपुर के नयापारा चकरभाठा स्थित मुक्तिधाम में हर वर्ष मृत आत्माओं की शांति और मोक्ष के लिए रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में न केवल स्थानीय लोग, बल्कि आसपास के 23 गांवों से आए रामायण मंडलियां और श्रद्धालु भी हिस्सा लेते हैं. यह आयोजन न केवल अनोखा है, बल्कि श्मशान को धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में एक नई पहचान देता है.
श्मशान में रामायण पाठ, जहां मुर्दों को सुनाई जाती है राम कथा
श्मशान घाट को आमतौर पर अंतिम विदाई का स्थान माना जाता है, लेकिन नयापारा मुक्तिधाम ने इसे मोक्ष का द्वार बना दिया है. यहां पिछले तीन वर्षों से हर जनवरी में मृत आत्माओं की शांति के लिए पूरी रात रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है. इस बार भी 4 जनवरी की शाम 6 बजे से 5 जनवरी की सुबह 6 बजे तक यह आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भजनों से श्मशान घाट की फिजा भक्तिमय हो गई.
23 गांवों की मंडलियों ने दीं भावपूर्ण प्रस्तुतियां
इस आयोजन में 23 गांवों से रामायण मंडलियां शामिल हुईं, जिन्होंने एक से बढ़कर एक भक्ति गीत और राम शिव भजनों की प्रस्तुतियां दीं. श्रद्धालुओं की भीड़ में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने मुक्तिधाम में बैठकर इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया. इस दौरान भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया.
अनोखी परंपरा दिखी झलक, मुर्दों को सुनाया राम कथा
नगर पालिका बोदरी के अध्यक्ष परदेशी ध्रुवंशी का मानना है कि जीवित लोग तो राम कथा सुन सकते हैं, लेकिन मृत आत्माओं को मोक्ष दिलाने के लिए भी भक्ति का माध्यम आवश्यक है. इसीलिए श्मशान में रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है ताकि भटकती आत्माओं को शांति और मोक्ष प्राप्त हो सके.
श्मशान घाट या गार्डन? अद्भुत सौंदर्य का केंद्र
नयापारा मुक्तिधाम किसी श्मशान घाट से अधिक एक सुंदर गार्डन जैसा प्रतीत होता है. हरियाली, फूलों के पौधे, स्वच्छ वातावरण, झूले और भगवान शिव की विशाल मूर्ति इसे एक धार्मिक पर्यटन स्थल जैसा अनुभव देते हैं. इसे सजाने और संवारा है स्थानीय समाजसेवियों और नगर पालिका के अधिकारियों ने, जो इसे एक आदर्श स्थल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.
रातभर रहता है भक्ति का माहौल
रामायण पाठ के दौरान मुक्तिधाम में रातभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. यहां के शांत वातावरण और भक्ति संगीत से लोगों को आत्मिक शांति मिलती है. यह आयोजन एक उदाहरण है कि परंपराएं केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्हें किसी भी स्थान पर जीवंत किया जा सकता है. नयापारा चकरभाठा का यह मुक्तिधाम एक ऐसा स्थान है जहां धार्मिकता, आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है. यह आयोजन न केवल मृत आत्माओं की शांति के लिए एक पुनीत कार्य है, बल्कि समाज में सकारात्मकता और धार्मिक चेतना का भी संदेश देता है.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 13:56 IST