Tricity Today | पद्मश्री बहनें नलिनी-कमलिनी अस्थाना
Delhi News : दिल्ली में लाजपत भवन ऑडिटोरियम में भारतीय शास्त्रीय नृत्य की परंपरा का भव्य प्रदर्शन देखने को मिला। यहां आठवें अंतर्राष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह की शोभा बढ़ाने पद्मश्री बहनें नलिनी-कमलिनी अस्थाना भी पहुंचे।
दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
नृत्यांजली स्कूल ऑफ ओडिसी एवं फोक डांस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से पधारे लगभग 200 कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरा। कथक की थिरकन से लेकर, कुचिपुड़ी की लय, भरतनाट्यम की भाव-भंगिमाएं, कथकली का रंगीन इतिहास, ओडिसी की मधुर मुद्राएं और मोहिनीअट्टम की सौम्यता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शास्त्रीय नृत्य विरासत का अमूल्य खजाना
पद्मश्री नलिनी-कमलिनी ने अपने संबोधन में कहा, “शास्त्रीय नृत्य मात्र कला नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का अमूल्य खजाना है। यह एक तरह की आराधना है, जिसे संजोकर रखना आने वाली पीढ़ियों का दायित्व है।” अभिमन्यु पाण्डेय ‘आदित्य’ ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की वाहक इन कलाओं को संरक्षित करना समाज का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में भारतीय शास्त्रीय नृत्य को सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है।
यह लोग रहे मौजूद
समारोह की शोभा बढ़ाने पद्मश्री से सम्मानित बहनें नलिनी-कमलिनी अस्थाना और प्रख्यात पत्रकार एवं कवि अभिमन्यु पाण्डेय ‘आदित्य’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संस्था के अध्यक्ष गुरु समारू मेहर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्मारिका का विमोचन किया।