Sunday, December 22, 2024
Homeमध्यप्रदेशDamoh News: जिले में मनरेगा योजना ठप, अब वन विभाग में भी...

Damoh News: जिले में मनरेगा योजना ठप, अब वन विभाग में भी मशीनों से हो रहा काम, संकट में मजदूरों की आजीविका


मशीनों से कराए गड्ढे।

विस्तार


दमोह जिले और जनपद अधिकारियों के गलत आंकलन के कारण मनरेगा योजना बंद पड़ी हुई है। ऐसी स्थिति में मजदूरों के लिए केवल रोजगार का साधन वन विभाग था, लेकिन यहां भी अब मजदूरों से होने बाले काम अधिकारी मशीनों से कराने लगे हैं। ताजा मामला झलोन रेंज की वीट बैरागढ़ में सामने आया। यहां दो प्लांटेशन वन विभाग ने मंजूर किए थे और दिसंबर माह में इन प्लांटेशन में मजदूरों से गड्ढे कराए जाने थे, लेकिन झलोन रेंजर ने इन गड्ढों को ट्रैक्टर और वर्मा की मदद से करवा दिया। आंकलन की बात की जाए तो वहां पर मजदूरों का ही जिक्र है।

Trending Videos

दो बाई दो के गड्डे भी मशीनों से होने लगे तो क्षेत्र के मजदूर कहां जाएंगे। वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे, ये बड़ा सवाल है।

ट्रैक्टर से किए गड्ढे

झलोन रेंज से लगातार मजदूरों का कार्य मशीनों से कराए जाने की शिकायत ग्रामीणों कर रहे हैं। वहीं झलोन रेंजर कह रहे थे कि जानकारी देने वाले अफवाह फैला रहे हैं। कार्य पूरा स्टीमेट के आधार पर हो रहा है। दोनों प्लांटेशनों में हुए गड्ढे टैक्टर में वर्मा लगाकर कराये गए हैं। एक प्लांटेशन जिसकी फेंसिंग हो गई थी, उसमें कुछ मजदूर लगे थे, जो मशीनों से हुए गड्ढों के अवशेष ख़त्म करने का कार्य कर रहे थे।

जांच के आदेश

मामले को लेकर झलोन रेंजर सतीश मसीह का कहना है कि प्लांटेशन के गड्ढे पचास प्रतिशत मशीन से कराने के निर्देश थे। इसलिए मशीन से कराए हैं, बाकी मजदूरों से कराये जा रहे हैं। मामले में दमोह डीएफओ ईश्वर जरांडे ने बताया प्लांटेशन के गड्ढे मजदूरों से कराए जाने थे। यदि मशीन से गड्ढे कराये गए हैं तो मैं एसडीओ से जांच करवाता हूं।

मजदूर वर्ग करता है निवास

बता दें तेंदूखेड़ा ब्लॉक आर्थिक रूप से जिले के अन्य ब्लॉकों में सबसे पिछड़ा हुआ ब्लाॅक माना गया है। यहां रहने बाले पचास प्रतिशत लोग मजदूरी के भरोसे हैं, जो पूरा दिन मजदूरी के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। जब रोजगार नहीं मिलता तो दूसरे जिले में रोजगार की तलाश में चले जाते हैं या फिर जगली क्षेत्रों से लकड़ी एकत्रित करते हैं और उसको बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। 

मजदूरों के साथ भेदभाव

शासन ने मनरेगा योजना के तहत वन विभाग को भी काम दिए हैं, जो केवल मजदूरों से होते हैं, लेकिन यहां भी मजदूरों के साथ भेदभाव होता है और अधिकारी मशीनों से काम करवा लेते हैं और अपने परिचित लोगों को कागजों पर मजदूर बनाकर भुगतान निकाल लेते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments