Friday, October 18, 2024
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अदरक के हाइब्रिड पौधों से किसान पा सकते हैं मोटा मुनाफा, यहां से करें ऑर्डर

Bilaspur: छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात हो रहा है. बिलासपुर के छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय के अनुसंधान केंद्र और प्रयोगशाला में अदरक के हाइब्रिड पौधे तैयार किए जा रहे हैं. ये पारंपरिक अदरक की तुलना में कई गुना बेहतर साबित हो रहे हैं. इन पौधों को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से लैब में विकसित किया जा रहा है, जहां उन्हें विशेष पोषक तत्व दिए जा रहे हैं. इस वजह से उच्च गुणवत्ता वाले और स्वस्थ पौधे तैयार हो रहे हैं.

क्या है इनकी खासियत
इन पौधों की खासियत यह है कि इनमें कीड़े लगने का डर कम होता है और इनसे मिलने वाली अदरक लंबे समय तक खराब नहीं होती. इसके साथ ही, ये पौधे किसानों को अधिक पैदावार देने में सक्षम हैं. इससे उन्हें आर्थिक रूप से भी बड़ा फायदा मिल सकता है. महाविद्यालय का उद्देश्य इन हाइब्रिड पौधों के माध्यम से किसानों की आमदनी को बढ़ावा देना है और उन्हें बेहतर कृषि तकनीक से परिचित कराना है, ताकि अदरक की खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके.

स्वस्थ पौधे से होगा बेहतर उत्पादन
ये हाइब्रिड अदरक के पौधे अन्य पारंपरिक पौधों की तुलना में अधिक स्वस्थ हैं और इन पर कीड़ों का प्रकोप बहुत कम होता है. इस पौधे से प्राप्त अदरक लंबे समय तक खराब नहीं होती जिससे किसानों को अधिक समय तक उत्पाद बेचे जाने की सुविधा मिलती है. एक पौधे से 300 से 600 ग्राम तक अदरक का उत्पादन होता है. ये किसानों के लिए मुनाफे का एक प्रमुख स्रोत साबित हो सकता है. यह पौधा न केवल अधिक उत्पादन देता है, बल्कि इसकी खेती खुले मैदान और पॉलीहाउस दोनों में की जा सकती है.

अदरक की फल गलन से निपटने के लिए टिशू कल्चर का उपयोग
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय वर्मा (इन्होंने डायरेक्टरेट ऑफ कालीकट, केरल से भारत सरकार के मसाला अनुसंधान केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया है) ने इस हाइब्रिड अदरक की पौध तैयार करने की शुरुआत की. लोकल 18 से बातचीत में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के किसानों को अदरक की खेती में अक्सर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खासकर अधिक वर्षा और बाढ़ के कारण अदरक की फल गलन की समस्या बढ़ जाती है. इससे फसल खराब हो जाती है. इस चुनौती से निपटने के लिए, वैज्ञानिक टिशू कल्चर तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिससे अदरक की बीमारी-रहित पौधे तैयार किए जा रहे हैं.

कोई क्राइटेरिया नहीं, सभी किसानों के लिए उपलब्ध
किसानों के लिए हाइब्रिड अदरक के पौधों को प्राप्त करने के लिए कोई विशेष क्राइटेरिया निर्धारित नहीं किया गया है. कोई भी किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार यहां ऑर्डर कर सकता है. महाविद्यालय द्वारा उचित दामों पर ये पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे अपनी फसल को उन्नत कर सकते हैं और मुनाफा भी कमा सकते हैं.

Tags: Agriculture, Bilaspur news, Chhattisagrh news, Local18

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