Bilaspur: बिलासपुर जिले के मल्हार से लगे निस्तार के सालों पुराने तालाब की दुर्दशा ने यहां के निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. तालाब में फैली गंदगी और जलकुंभी के कारण तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है. इससे लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं. गांव के निवासियों का कहना है कि प्रशासन सफाई करवाता तो है लेकिन गंदगी तालाब के किनारे ही छोड़ दी जाती है, जिससे हालात बद से बदतर हो जाते हैं. इससे यहां के लोगों को तमाम परेशानियां हो रही हैं.
तालाब की गंदगी से लोगों को हो रही परेशानी
मल्हार के किशुन वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि गांव का यह प्राचीन तालाब निस्तार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है लेकिन अब इसमें कचरा और जलकुंभी का ढेर जमा हो गया है. तालाब के दूषित पानी में नहाने से खुजली और अन्य बीमारियां फैल रही हैं. लोग मजबूरी में इस पानी का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि गांव में और कोई बेहतर विकल्प नहीं है.
स्थानीय प्रशासन की अनदेखी, सफाई अधूरी
नरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा तालाब की सफाई तो कराई जाती है लेकिन कचरे को तालाब से निकालकर किनारे ही छोड़ दिया जाता है. इससे गंदगी वापस तालाब में चली जाती है और स्थिति जस की तस बनी रहती है. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
शिकायतों के बावजूद नहीं हो रहा कोई समाधान
स्थानीय निवासियों ने कई बार नगर पंचायत में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. तालाब में कचरा फेंकने और जलकुंभी के बढ़ने से उसकी स्थिति और बिगड़ गई है. कुछ समय पहले सफाई कराई गई थी, लेकिन उस सफाई का असर सिर्फ कुछ ही समय तक रहा. अब तालाब का पानी फिर से गंदा हो चुका है और इसके कारण ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
प्राचीन तालाब का अस्तित्व खतरे में
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तालाब का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है लेकिन अब यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. अगर प्रशासन जल्द से जल्द इस दिशा में सख्त कदम नहीं उठाता तो प्राचीन तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. ये गांव वासियों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 11:53 IST