शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय बुधनी सीट से प्रमुख दावेदार
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मध्य प्रदेश की चर्चित बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक गलियारों में भाजपा प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। अब सवाल उठता है कि उनकी राजनीतिक विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा, और क्या उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को टिकट मिलेगा? मध्य प्रदेश में बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा बुधनी सीट की हो रही है, जो शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट मानी जाती है। शिवराज सिंह चौहान कई बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं, लेकिन उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर नए चेहरे की तलाश हो रही है।
कार्तिकेय चौहान का नाम सबसे आगे
भाजपा में कई प्रमुख नाम इस समय चर्चा में हैं, जिनमें शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम भी शामिल है। इसके अलावा शिवराज समर्थक रमाकांत भार्गव, राजेन्द्र सिंह समेत अन्य नाम भी सामने आ रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रत्याशी चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी नेतृत्व और पार्लियामेंट्री बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा उम्मीदवार पार्टी का कार्यकर्ता होता है और वही चुनाव लड़ता है। भाजपा का प्रत्याशी कमल का फूल होता है।
बुधनी में शिवराज की मजबूत पकड़
शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी से अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी। साथ ही उनके लिए पूरी कमान कार्तिकेय के पास थी। कार्तिकेय ही पूरा चुनाव प्रबंधन संभालते रहे हैं। भाजपा जिला संगठन के पदाधिकारी कार्तिकेय को प्रत्याशी बनाने की मांग कर चुके है। इसलिए उत्तराधिकारी का चयन भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली राजनीति उनके आड़े आ सकती है।
विजयपुर से रावत का नाम तय
वहीं विजयपुर सीट पर रामनिवास रावत, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। उनका विजयपुर से उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है। रावत वर्तमान में मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में वन मंत्री हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी और मतदान 13 नवंबर को होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक विरासत किसके हाथों में जाएगी।